अनूपपुर। वन्य प्राणी के शिकार के मामले में सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी केपी सिंह की न्यायालय ने आरोपित अमर सिंह (39) पुत्र हीरा सिंह निवासी धुम्मा, प्रकाश सिंह (20) पुत्र सुखलाल निवासी धुम्मा, शिवरतन सिंह (19) पुत्र गेंदलाल निवासी धुम्मा थाना भालूमाड़ा की जमानत याचिका अभियोजन अधिकारी राजगौरव तिवारी की दलील सुनने के बाद निरस्त कर दी। इसके बाद आरोपितों को जेल भेज दिया है।।
मीडिया प्रभारी राकेश पाण्डेय ने गुरुवार को बताया की मामला वनपरिक्षेत्र कोतमा के पीओआर का है, जिसमें आरोपितों ने अनुसूची 03 का प्राणी वन्य जंगली सुअर को पीट-पीट कर मार डाला था और उसके मांस को आपस में बांट लिया था। वन विभाग को सूचना मिलने पर आरोपितों के कब्जें से जंगली सुअर का कच्चा मांस, बाल, जबड़ा तथा चार पैर तथा मारने में प्रयुक्त फर्शा, टागी, लकड़ी का बेत और गडासा आदि की जब्ती कर गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
आरोपितों ने जमानत आवेदन में कहा कि हमें झूठा फंसाया गया है। जेल जाने पर उनका भविष्य प्रभावित हो सकता है। जिस पर अभियोजन अधिकारी ने विरोध करते हुए कहा कि आरोपितों ने प्रकृति के पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) को बनाये रखने वाले वन्य प्राणियों को मारकर गंभीर अपराध किया है। जमानत दिए जाने पर समाज में गलत संदेश जाएगा।न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए आरोपितों की जमानत याचिका निरस्त दी।
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