पटना (Patna)! बिहार (Bihar) में 13 फरवरी को हुए फ्लोर टेस्ट में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. विधानसभा में वोटिंग से पहले ध्वनिमत से फ़ैसला लिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह पर वोटिंग कराई गई और विश्वास मत के पक्ष में 129 वोट पड़े.
कल के फ्लोर टेस्ट की खास बात ये रही कि नीतीश कुमार की सरकार बचाने वाले दो विधायक आरजेडी के थे. इनमें से एक बाहुबली से नेता बने आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद हैं और दूसरी विधायक बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी हैं. इन दोनों ने फ्लोर टेस्ट से कुछ मिनट पहले अपना पाला बदलकर सबको हैरान कर दिया था.
इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि दोनों बाहुबलियों के बेटे और पत्नी का पाला बदलकर एनडीए का साथ देने पीछे क्या मकसद है, बाहुबली आनंद मोहन का साथ नीतीश के लिए कितना फायदेमंद है?
कल विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में भले ही नीतीश सरकार पास हो गए, लेकिन विपक्ष ने भी नीतीश सरकार को गिराने की भरपूर कोशिश की. नीतीश के लिए विश्वास मत हासिल करना बिल्कुल आसान नहीं था. नीतीश सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी खड़े थे.
हुआ ये कि आरजेडी ने एनडीए के विधायकों को साथ लेकर नीतीश कुमार को गिराने का खेल रचा था. आरजेडी की तैयारी थी कि सत्ता पक्ष के विधायकों को सदन में अनुपस्थित कर पहले अपने स्पीकर अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी बचाई जाए.
इसके बाद स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिरने के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों को स्पीकर से अलग गुट की मान्यता दिलवाई जाए और फ्लोर टेस्ट में एनडीए को पटखनी दी जाए. विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ जब सदन में अविश्वास प्रस्ताव आया तो सत्ता पक्ष के पांच विधायक कम थे.
लेकिन अचानक ही आरजेडी के तीन विधायक चेतना आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव ने पाला बदलकर एनडीए के पक्ष में वोटिंग कर दी और 112 के मुकाबले 125 वोट से अवध बिहारी चौधरी की कुर्सी चली गई.
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