नई दिल्ली (New Delhi)। नमामि गंगे परियोजना (Namami Gange Project)का काम करने वाली फर्म के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण (Abduction)और रंगदारी मांगने के आरोप (allegations of extortion)में सात साल की सजा काट रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह को तीन दिन पहले हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। मंगलवार को उनके रिहाई का आदेश अपर सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट जौनपुर ने जारी कर दिया। आदेश को जौनपुर जेल और जिला जेल से बरेली भेज दिया गया। ऐसे में बुधवार तक धनंजय सिंह के रिहा होने की उम्मीद है।
मुजफ्फरनगर निवासी प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को रात दस बजे लाइन बाजार थाने में अपहरण, रंगदारी और अन्य धाराओं में पूर्व सांसद धनंजय सिंह व उनके साथी संतोष विक्रम पर केस दर्ज कराया था। इस मामले में कोर्ट ने धनंजय सिंह और संतोष विक्रम को छह मार्च को सात साल की सजा सुनाई थी। वहीं से धनंजय सिंह को जेल भेज दिया गया था। इसी बीच प्रशासनिक आधार पर शनिवार की सुबह धनंजय सिंह बरेली जेल भेज दिए गए।
उधर, धनंजय सिंह की ओर से हाईकोर्ट में जमानत और सजा पर स्टे के लिए अर्जी डाली गई थी। पिछले दिनों कोर्ट ने जमानत दी। हालांकि सजा वाली अपील खारिज हो गई। हाईकोर्ट से जमानत अर्जी मंजूर होने के बाद जमानतदारों के सत्यापन की प्रक्रिया की गई। मंगलवार को सत्यापन रिपोर्ट आने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट जौनपुर ने पूर्व सांसद की रिहाई का आदेश जारी किया।
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