उज्जैन। शा. माधवनगर में कोविड एवं सस्पेक्टेड कोविड मरीजों का उपचार चल रहा है। सारे वार्ड एवं आईसीयू भर गए हैं। आने वाले दो तीन दिन में यदि पॉजीटिव्ह का आंकड़ा बढ़ा तो समस्या आ जाएगी कि उन्हे कहां भर्ती करें? संभव है पूर्व की तरह मरीजों को आर डी गार्डी या अमलतास भेजा जाए। शा.माधवनगर में रोजाना औसतन 50 मरीज श्वास नहीं लेने की समस्या से ग्रस्त होकर आ रहे हैं। इनके अलावा कोविड पॉजीटिव्ह मरीज अलग है। ऐसे में सभी मरीजों को भर्ती करना तथा जो ठीक हो रहे हैं उनकी छुट्टी करने का काम चल रहा है। डॉक्टर्स के अनुसार मरीजों में मुख्य समस्या श्वास लेने में कठिनाई होना या उनका ऑक्सीजन लेवल 95 से कम तथा अनेक का 92 से कम होना है। ऐसे मरीज दो से तीन दिन में ठीक हो रहे हैं, लेकिन खतरा उन पर बना रहता है कि रात्रि में ऑक्सीजन का लेवल कम हुआ तो क्या करेंगे?
उपचार करवा रहे मरीजों का आरोप है कि कतिपय डॉक्टर्स बाहर की दवाईयां लिख रहे हैं और गरीब मरीज इसे अफोर्ट नहीं कर पा रहे हैं। मरीजों का कहना है कि बाहर से दवाईयां तो ठीक हजारों रूपये कीमत के इंजेक्शन भी मंगवाए जा रहे हैं। जोकि कई मरीज खरीद ही नहीं पा रहे हैं। इस ओर किसी का ध्यान नहीं है।
इस संबंध में हॉस्पिटल प्रभारी डॉ.भोजराज शर्मा का कहना है कि शासन द्वारा उपलब्ध सारी दवाईयां मरीजों को दी जा रही है। जो जीवन रक्षक औषधि शासन से प्राप्त नहीं होती है, वह मरीजों के परिजनों से पूछकर ही खरीदवाई जाती है। जबर्दस्ती नहीं की जाती है। परिजन स्वयं कहते हैं कि आपके पास नहीं है और जरूरी है तो बाहर की लिख दो। इसमें डॉक्टर्स को दोष देना गलत है।