इंदौर। देश में अब वाहनों का मैन्युअल तरीके से फिटनेस टेस्ट बंद होगा। 1 अप्रैल 2023 से सभी बड़े कमर्शियल वाहनों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर्स के माध्यम से ही किया जा सकेगा, वहीं छोटे वाहनों के लिए यह अनिवार्यता 1 जून 2024 से लागू की जाएगी। इसे लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने अंतिम आदेश जारी कर दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि मध्यप्रदेश में अभी एक भी ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर मौजूद नहीं है। ऐसे में एक साल में प्रमुख शहरों में इसे शुरू कर पाना विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती का काम होगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कुछ समय पहले इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। इस पर दावे-आपत्तियां बुलवाई गई थीं। सभी का समाधान करने के बाद मंत्रालय ने कल ही फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नियम का नाम केंद्रीय मोटरयान आठवां संशोधन नियम 2022 रखा गया है। इसमें कहा गया है कि कमर्शियल वाहनों के लिए फिटनेस के नवीनीकरण की व्यवस्था के अंतर्गत आठ साल तक पुराने वाहनों के लिए दो साल के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा, वहीं आठ साल के बाद एक साल के लिए जारी किया जाएगा। इसके तहत देश में 1 अप्रैल 2023 से सभी भारी माल वाहनों और भारी यात्री वाहनों के यह नियम लागू होगा, वहीं 1 जून 2024 से सभी मध्यम माल वाहनों, मध्यम यात्री वाहनों और हल्के मोटर वाहनों के लिए यह व्यवस्था अनिवार्य होगी।
नहीं चल सकेंगे अनफिट वाहन
नए नियमों को लागू करने का मकसद यह है कि सड़क पर अनफिट वाहनों का संचालन बंद किया जा सके, क्योंकि अनफिट वाहनों के कारण दुर्घटनाओं का खतरा भी होता है और इनसे प्रदूषण भी फैलता है। मैन्युअल सिस्टम से अभी जहां परिवहन विभाग के अधिकारी ऊपर से ही वाहनों का निरीक्षण करते हुए उसे फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर देते हैं और उसकी तकनीकी फिटनेस की जांच तक नहीं होती, जबकि ऑटोमेटेड फिटेनस सेंटर में गाड़ी की छोटी से छोटी चीज की भी जांच की जाएगी और सभी चीजें सही पाई जाने पर ही फिटनेस प्रमाण पत्र मिल सकेगा। यह पूरा परीक्षण ऑटोमेटेड सिस्टम से होगा, इसलिए इसमें फर्जी प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पाएगा।
नियम लागू, लेकिन फिटनेस सेंटर नहीं
देश में यह नियम तो लागू कर दिया है, इनका पालन करवाने के लिए अब एक साल से भी कम समय बचा है, लेकिन मध्यप्रदेश में अब तक ऐसा एक भी फिटनेस सेंटर नहीं है। अगर अगले साल से इस व्यवस्था को लागू करना है तो प्रदेश के लगभग सभी जिलों में ऐसे सेंटर्स कैसे स्थापित होंगे।
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