भोपाल। नगर निगम सीमा क्षेत्र की जर्जर व खस्ताहाल सड़कों से जहां राहगीर व शहरवासी परेशान हैं। वहीं खराब सड़कों के चलते वाहनों का मेंटेनेंस भी तीन गुना बढ़ गया है और क्लच प्लट, टायर व सस्पेंशन भी आए दिन खराब हो रहे हैं। जबकि आम दिनों के मुकाबले वाहनों की रफ्तार में 50 फीसदी तक गिरावट आई है। यानि सड़क पर धीमी गति से गाड़ी चलाने के बावजूद आपका अधिक नुकसान होगा और गाड़ी में पेट्रोल भी अधिक लगेगी। इन सबकी बड़ी वजह है तो सिर्फ शहर की सड़कों का खराब होना है। शहर की लिंक रोड, एयरपोर्ट रोड को छोड़कर अधिकतर सड़कें जर्जर व बदहाल पड़ी हुई हैं और शहर की एक भी सड़क ऐसी नहीं है जिसे गड्ढे मुक्त कहा जा सके। इन सड़कों पर वाहनों को धीमी गति से चलाने पर भी अचानक टायर किसी गड्ढे में चला जाता है जिससे संतुलन बिगड़ जाता है और अचानक आने वाला भार वाहन के कलपुर्जे पर अतिरिक्त दबाव डालकर इन्हें क्षतिग्रस्त कर देता है।
सस्पेंशन व टायर खराब की शिकायतें
गैराज चलाने वालों ने बताया कि बारिश में अभी आने वाले अधिक वाहनों की क्लच प्लेट समय से पहले घिस रही हैं। क्योंकि जर्जर सड़क पर अचानक आने वाले झटके से वाहन की रफ्तार कम होती है और दोबारा लोड लेकर वाहन को आगे बढ़ाने से क्लच प्लेट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे इंजन ऑयल के समय से पहले जल जाता है और वाहन भी खराब हो जाते हैं। उन्होने बताया कि चार पहिया व दोपहिया वाहनों में सबसे कॉमन समस्या सस्पेंशन व टायर खराब होने की आ रही है। खराब सड़कों पर गाडिय़ों के सस्पेंशन और टायर समय से पहले ही जवाब दे रहे हैं।
वाहन खराब, तीन गुना आ रहा खर्चा
मैकेनिक किशन मेहरा ने बताया कि आमतौर पर किसी भी कार का नियमित मेंटेनेंस तीन हजार रुपए और दोपाहिया वाहनों के मेटेंनेंस 500 से 1000 रुपए के अंदर किया जाता है। लेकिन यदि गाड़ी का सस्पेंशन आर्म रॉड और इंजन के अन्य कलपुर्जे खराब हो रहे हैं तो इन्हें बदलने का अतिरिक्त शुल्क व लेबर चार्ज चुकाना पड़ता है जो उस राशि से तीन गुना तक अधिक है। वहीं दोपाहिया वाहनों की टायर व इंजन खराब की शिकायतें अधिक आ रही है। दोपहिया वाहनों में शॉकप की कीमत एक हजार से 1500 रुपए तक है। यदि बाइक का टायर खराब हो गया है तो 1500 से 2000 रुपए का एक टायर किसी भी ब्रांडेड कंपनी का गाड़ी में डाला जा रहा है।
दोगुना खर्चा कर रहा परेशान
दोपहिया चालकों का कहना है कि गर्मी और सर्दी के मौसम में बुलेट मोटरसाइकिल के मेंटेनेंस का खर्च जितना आता है उतना अकेला ही इस बारिश में खर्च हो चुका है। इसी महीने ही गाड़ी में क्लच प्लेट सहित अन्य काम करवाया है। मैकेनिक ने बताया कि क्लच प्लेट जल गई है। जबकि दो महीने पूर्व ही उन्हें बदलवाया गया था। वहीं टैक्सी चालकों का कहना है कि वाहनों का मेंटेनेंस बारिश के मौसम में हर साल बढ़ जाता है। उनके पास दो चार पहिया वाहन है। लेकिन शहर की जर्जर सड़कों के चलते यह समय से पहले ही पुराने हो रहे हैं। वाहन खराब होने पर गैराज भेजने पर मैकेनिक प्रति वाहन 5 से 10 हजार का बिल बनाकर देता है। हर बार बारिश के मौसम में टायर बदलवाने पड़ते हैं।
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