नई दिल्ली: Global NCAP के लेटेस्ट क्रैश टेस्ट रिजल्ट्स सामने आ गए हैं. देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी एक बार फिर क्रैश टेस्ट रिजल्ट्स को लेकर चर्चा में है.
ग्लोबल एनसीएपी का नया प्रोटोकॉल ESC और सीट-बेल्ट रिमाइंडर जैसी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए साइड इफेक्ट पोल सुरक्षा पर अधिक जोर देता है. जबकि फ्रंट इम्पैक्ट टेस्ट समान रहता है और 64kph की गति से आयोजित किया जाता है, अब तीन-स्टार रेटिंग के लिए करने के लिए ESC और सीट बेल्ट रिमाइंडर एक अनिवार्य होता है.
इससे पहले पिछले साल मेड इन इंडिया बलेनो को भी लैटिन NCAP क्रैश टेस्ट में 0 सेफ्टी रेटिंग मिली थी. मारुति की कारों पर लगातार सेफ्टी को लेकर सवाल उठते रहे हैं. कंपनी की कारें सेफ्टी टेस्ट में लगातार फेल होती आ रही हैं.
स्विफ्ट, इग्निस और एस-प्रेसो को 1 स्टार
मारुति सुजुकी के तीन सबसे पॉपुलर एंट्री-लेवल मॉडल्स का परीक्षण किया गया – एस-प्रेसो, स्विफ्ट और इग्निस प्रत्येक को सिंगल-स्टार रेटिंग मिली. न तो स्विफ्ट और न ही इग्निस मानक के रूप में ESC के साथ आते हैं और UN127 पैदल यात्री सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पालन नहीं करते हैं और यही वजह है जिससे इन्हें खराब सेफ्टी रेटिंग मिली है. स्विफ्ट, इग्निस और एस-प्रेसो – को ग्लोबल एनसीएपी के टेस्ट में 1 स्टार रेटिंग मिली है. क्रैश टेस्ट नए सेफ्टी टेस्ट प्रोटोकॉल के तहत किया गया था, जिसे जुलाई 2022 में लागू किया गया था.
कंपनी पर उठे सवाल
क्रैश टेस्ट के बारे में बात करते हुए, GlobalNCAP के महासचिव एलेजांद्रो फुरस ने कहा कि ‘यह बहुत चिंता का विषय है कि भारत में सबसे बड़े बाजार हिस्सेदारी के साथ निर्माता अभी भी इस तरह के खराब प्रदर्शन वाले मॉडल पेश करता है.’ यह पहली बार नहीं है कि मारुति सुजुकी की कारों पर सवाल उठे हैं. इससे पहले भी कई बार कंपनी की कारों को 0 स्टार भी मिल चुके हैं.
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