भिंड। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की स्वास्थ्य सेवा इस कदर बदहाल है कि अस्पतालों में मरहम पट्टी तक उपलब्ध नहीं है. ऐसा ही एक मामला भिंड जिले से आया है. यहां हादसे में एक घायल युवक के पैर में फ्रेक्चर था. वह इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तो यहां डॉक्टरों ने कच्चा प्लास्टर लगाने के बजाय गत्ता लगाकर पट्टी बांध दी. वहीं घायल को दर्द से राहत के लिए दवाई देने के बजाय दूसरे अस्पताल के लिए रैफर कर दिया. अब मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग (health Department) ने सफाई दी है. वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने मामले की जांच कराने को कहा है.
जानकारी के मुताबिक भिंड (Bhind) के अंतियन का पुरा में बाइक पर सवार दो लोग सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे. इनमें से एक युवक के पैर में फ्रेक्चर आ गया था. मौके पर मौजूद लोगों ने उसे उपचार के लिए रौन अस्पताल पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने फ्रेक्चर पर कच्चा प्लास्टर (raw plaster) लगाने के बजाय गत्ता लगाकर पट्टी बांध दी और फिर जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया. वहीं जब घायल जिला अस्पताल पहुंचा तो उसके पैर से गत्ता हटाकर कच्चा प्लास्टर लगाया गया. संबंधित वीडियो पीड़ित के ही किसी जानने वाले ने सोशल मीडिया (social media) पर डाल दिया. अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
स्वास्थ्य विभाग ने दी सफाई
सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सफाई दी है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ हेमंत तिवारी का कहना है कि अंतियन का पुरा से एक्सीडेंट केस आया था. मरीज के पैर में पहले से ही गत्ता लगाकर पट्टी बंधी हुई थी. उन्होंने तो केवल मरीज को रैफर किया है. उधर प्रभारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी जेएस राजपूत का कहना है कि गत्ता सपोर्ट के लिए लगाया जा सकता है. लेकिन स्वास्थ्य केंद्र पर, प्लास्टर पट्टी नहीं होना गलत है. उन्होंने कहा कि यदि पट्टी खत्म हो गई थी तो जिले से मंगानी चाहिये थी. इसी क्रम में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी. इसमें यदि कोई दोषी मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी.
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