नई दिल्ली (New Delhi) । पाकिस्तान (Pakistan) का ऑटो उद्योग (auto industry) तेजी से सिकुड़ रहा है और अधिकांश क्षेत्रों में बिक्री लगातार गिर रही है। विशेष रूप से कार बाजार (car market) को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि कार निर्माता पुरानी डिमांड को भी पूरा करने में असमर्थ हैं। नवंबर में भी पूरा देश यहां अधिकांश मॉडल उपलब्ध कराने में विफल रहा। वहीं, पाकिस्तानी ऑटो बाजार की तुलना में भारतीय बाजार में इसी महीने में 2.88 लाख कारों की बिक्री हुई। भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अकेले 1.34 लाख यूनिट्स की सेल की है। राजधानी दिल्ली में 80,000 से अधिक नए वाहन रजिस्टर हुए और इनमें से लगभग 18,000 अकेले कारें थीं।
पाक सुजुकी को साल-दर-साल 72 फीसद की गिरावट का सबसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इंडस मोटर कंपनी लिमिटेड ने 71 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की, जबकि होंडा एटलस कार की बिक्री में 49 प्रतिशत की गिरावट आई। PAMA डेटा से उम्मीद की थोड़ी सी झलक दिखाई देती है कि नवंबर में देश में ट्रैक्टर की बिक्री साल-दर-साल आधार पर बढ़ रही है। हालांकि, इस साल अक्टूबर में बिक्री की तुलना में संख्या में गिरावट आई है।
बिक्री में 68 प्रतिशत की गिरावट
पाकिस्तान ऑटोमोटिव बाजार की लड़खड़ाती स्थिति नवंबर के महीने में कुछ और चरमरा गई। पाकिस्तान में चिंताजनक स्थिति के बीच सिर्फ 4,875 कारें ही बिकीं, जो 2022 के इसी महीने में की गई बिक्री से 68 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है। पाकिस्तान ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (PAMA) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर 2022 में पाकिस्तान में 15,432 कारें बिकी थीं।
कार खरीदारी में क्यों आई कमी?
पाकिस्तान में कई ऐसे कारक हैं, जो लोगों की नई कार खरीदने की योजना पर पानी फेर रहे हैं। कार की बढ़ी हुई कीमतें एक प्रमुख कारक हैं। हाल के दिनों में इसमें लगातार वृद्धि देखी जा रही है। फाइनेंसिंग से भी मामलों में ज्यादा मदद नहीं मिल रही है, क्योंकि ऑटो फाइनेंसिंग दरें धीरे-धीरे बढ़ ही रही हैं। देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था और सामान्य मूल्य वृद्धि के कारण आम आदमी की कार खरीदारी में काफी कमी आई है।
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