उज्जैन। सिंधिया रियासत की ऐतिहासिक धरोहर के हाल बुरे हैं। मंदिर के पीछे शौचालय और बाथरूम सड़ांध मार रहे हैं लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं है।शहर के बीचोंबीच गोपाल मंदिर स्थित है। इस मंदिर में बड़ी संख्या में पूरे जिले के श्रद्धालु आते हैं। इस मंदिर की देखरेख का काम अभी भी सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के पास है। मंदिर में आगे तो साफ सफाई की जाती है लेकिन यहाँ की टॉयलेट्स और बाथरूम बहुत खराब अवस्था में है। इतनी गंदी पसरी पड़ी है कि मंदिर के प्रांगण में बदबू फैलती रहती है लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। यहाँ सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के कर्मचारी भी मासिक वेतन ले रहे हैं और पुजारी भी आते हैं लेकिन यहाँ साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं है। इसी के चलते यह टॉयलेट्स गंदे पड़े हैं। वर्तमान समय में श्रावण मास में सवारी और अन्य त्यौहारों के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन मंदिर में ठीक ढंग के टॉयलेट्स की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते रीगल टॉकीज के पास श्रद्धालुओं को जाना पड़ता है। देवस्थान ट्रस्ट को चाहिए कि इन शौचालयों की व्यवस्था ठीक करें और इन्हें व्यवस्थित बनवाएं जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के मन में देवस्थान ट्रस्ट और गोपाल मंदिर की अच्छी छवि बने।
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