लंदन। इसे जलवायु परिवर्तन का असर मानें या यूक्रेन जंग की गर्मी कि समूचे यूरोप में कड़ाके की ठंड के दिनों में रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ रही है। जनवरी के पहले दो दिन जबर्दस्त गर्म रहे। नए साल के पहले दो दिन सबसे गर्म दिन के रूप में दर्ज किए गए। यूरोप के कम से कम आठ देशों में ऐसे हालात देखे गए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पोलैंड, डेनमार्क, चेक गणराज्य, नीदरलैंड, बेलारूस, लिथुआनिया और लातविया में जनवरी का अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। यूरोप के मौसमविदों ने ‘द गार्जियन’ को बताया कि पिछले कुछ दिनों में पूरे यूरोप में मौसम का रिकॉर्ड हैरान करने वाले ढंग से टूट रहा है।
तापमान पर नजर रखने वाले मौसम वैज्ञानिक मैक्सिमिलियानो हेरेरा के अनुसार पोलैंड के कोरबिएलोव गांव में तापमान 19 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह मई में यहां रहने वाले तापमान से अधिक है। तापमान जनवरी के औसत 1 डिग्री तापमान से यह 18 डिग्री ज्यादा है। इसी तरह चेक गणराज्य के जवोर्निक में पारा 19.6 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया, जबकि इन दिनों में यह औसत 3 डिग्री सेल्सियस रहता है।
बेलारूस में जनवरी में तापमान शून्य डिग्री के आसपास रहता है, जो नव वर्ष 2023 के पहले दिन रविवार को 16.4 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा। इसने देश के जनवरी के पिछले रिकॉर्ड 4.5 डिग्री सेल्सियस को तोड़ दिया। जर्मनी, उत्तरी स्पेन और फ्रांस के दक्षिण में भी जनवरी में भी रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ रही है। नॉर्वे, ब्रिटेन, आयरलैंड, इटली और दक्षिण-पूर्व भूमध्यसागरीय देशों में ऐसा कोई रिकॉर्ड टूटा या नहीं बना है।
यूरोप के इतिहास की प्रचंड गर्मी : हेरेरा
मौसमविद हेरेरा के अनुसार इसे यूरोपीय इतिहास की सबसे प्रचंड गर्मी माना जा सकता है। एक अन्य मौसमविद एलेक्स बर्किल ने भी हेरेरा के दावे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यूरोप के बड़े हिस्से में जबर्दस्त गर्मी पड़ रही है, जो अब तक की अनसुनी है।
ग्लोबल वार्मिंग के चलते भविष्य की छोटी सी झलक दिखी
एक अन्य यूरोपीय मौसम वैज्ञानिक स्कॉट डंकन के अनुसार यूरोप का यह तापमान चौंकाने वाला है। पिछले साल भी बहुत गर्म नया साल था, लेकिन इस बार यह रिकॉर्ड तोड़ रहा है। हालांकि, इसका कोई खास कारण पता लगाना मुश्किल है, लेकिन ला नीना और गर्म समुद्री सतहों की इसमें भूमिका है। जलवायु परिवर्तन पर नजर रखने वाले प्रोफेसर बिल मैकगायर ने कहा कि गर्मी के हालात बदतर होने का पूर्वानुमान था। सबसे चिंताजनक बात यह है कि ग्लोबल वार्मिंग तेजी बढ़ रही है। यह भविष्य की एक छोटी सी झलक है, जो सर्दियों को कुछ महीनों के सूखे, नम और हल्के मौसम में परिवर्तित कर देगी। इनमें ठंड, बर्फ या बर्फीले रास्ते बहुत कम दिखाई देंगे।
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