नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis Ittehadul Muslimeen) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने लोकसभा (Lok Sabha) में राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण को लेकर हो रही चर्चा में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने में पीवी नरसिम्हा राव और एलके आडवाणी को भारत रत्न (Bharat Ratna) दिए जाने पर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा, “शिव सेना (शिंदे गुट) के सांसद ने अपने भाषण में बताया कि जब 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) को शहीद किया जा रहा था तो पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव पूजा कर रहे थे. बीजेपी (BJP) की सहयोगी पार्टी कह रही है कि नरसिम्हा ने कहा कि मुझे डिस्टर्ब मत करो, मैं पूजा कर रहा हूं.”
ओवैसी ने कहा कि जो मस्जिद शहीद होने पर पूजा कर रहे थे और जिस शख्स ने मस्जिद गिराने के लिए रथ यात्रा निकाली केंद्र सरकार (Central government) ने दोनों लोगों को भारत के सर्वोच्च पुरस्कार (highest awards) से नवाजा. यह बताता है कि इंसाफ जिंदा है या जुल्म को बरकरार रखा जा रहा है.
‘अयोध्या में मस्जिद थीऔर रहेगी’
AIMIM सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री जब यहां जवाब देंगे तो क्या 140 जनता के पीएम के तौर पर बयान देंगे या फिर हिंदुत्व के नेता के तौर पर बोलेंगे. उन्होंने कहा, ” मेरा दिल कहता है कि अयोध्या में मस्जिद थी , मस्जिद है और हमेशा मस्जिद रहेगी. बाबरी मस्जिद जिंदाबाद!”
लोकसभा ने मस्दिद ध्वस्त करने की निदां की
उन्होंने कहा, “16 दिसंबर 1992 को लोकसभा ने एक रेजोलूशन पास किया था. इसमें कहा गया था कि यह सदन अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने की घटना की निंदा करता है, जिससे देश में हिंसा भड़की और देश की धर्म निष्पक्षता को नुकसान पहुंचाया. आज मोदी सरकार 6 दिसंबर की घटना को लेकर जश्न मना रही है.”
‘मंदिर तोड़कर नहीं बनी थी मस्जिद’
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा कि अदालत ने ASI की रिपोर्ट को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद को मंदिर तोड़कर नहीं बनाया गया था. उन्होंने पूछा कि क्या सरकार एक समुदाय या एक धर्म की सरकार है. उन्होंने आगे कहा, “मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की इज्जत करता हूं और नाथूराम गोडसे से नफरत करता हूं, क्योंकि उसने ऐसे शख्स को गोली मारी, जिसकी जबान से आखिरी शब्द ‘हे राम’ निकले.”
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