लखनऊ। अयोध्या के रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी करने वाले जफरयाब जिलानी ने कहा है कि वे बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। सीबीआई की अदालत ने बाबरी मस्जिद ढहाने के मामले में सभी आरोपियों को बरी करने का आज फैसला सुनाया है।
जफरयाब जिलानी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से हम लोगों ने अदालत में एप्लीकेशन दी थी। अयोध्या के कुछ गवाहों की तरफ से अदालत में एप्लीकेशन दिलवायी गयी थी। ये ऐसे लोग थे, जिनके मकान उस समय जलाये गये थे, हालांकि वो एप्लीकेशन खारिज कर दी गयी थी। हम अपने आप को विक्टिम समझते हैं। इस केस के मुसलमान इस केस के विक्टिम हैं इसलिए हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
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हाईकोर्ट में कौन पिटीशन फाइल करेगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये सभी पहलू बाद में तय किए जाएंगे। मुकदमे में सभी आरोपी कैसे बरी हो गए? इस सवाल के जवाब में भी जफरयाब जिलानी ने कुछ नहीं कहा। बता दें कि 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहा दी गयी थी। ढहाने के आरोप में भाजपा और विहिप के कई नेताओं पर मुकदमा चला। इस मुकदमे की सुनवाई लखनऊ की सीबीआई अदालत में चल रही थी। इसी पर आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। अब इसी फैसले को मुस्लिम पक्ष की ओर से जफरयाब जिलानी ने हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। बता दें कि पेशे से वकील जफरयाब जिलानी सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर बाबरी मस्जिद के मालिकाना हक की लड़ाई लड़ रहे थे। वे मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील थे।
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