लखनऊ। बाबरी विध्वंस केस में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शुक्रवार को अपना बयान दर्ज कराया। सीबीआई कोर्ट में हुई सुनवाई के लिए लालकृष्ण आडवाणी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। इससे पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने गुरुवार को अपना बयान दर्ज कराया था। मुरली मनोहर जोशी से हजारों सवाल पूछे गए थे।
बयान दर्ज कराने से पहले गुरुवार को गृहमंत्री अमित शाह अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी से मिलने पहुंचे थे। दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में आधे घंटे की मुलाकात हुई। सूत्रों के मुताबिक, बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लालकृष्ण आडवाणी की पेशी से पहले दोनों नेताओं के बीच इसके अहम पहलुओं पर मुलाकात हुई। कहा जा रहा है कि 5 अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन में लालकृष्ण आडवाणी भी पहुंच सकते हैं।
इस मामले में बीजेपी के कई नेता आरोपी हैं। आडवाणी से पहले यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और बीजेपी नेता उमा भारती के बयान दर्ज हो चुके हैं। सभी 32 आरोपियों का बयान दर्ज होने के बाद उन्हें अपनी सफाई और साक्ष्य पेश करने का मौका दिया जाएगा। सीबीआई की विशेष अदालत को इस मामले को 31 अगस्त तक निस्तारित करना है। बीते 8 मई को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की विशेष अदालत को यह आदेश दिया था।
गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को कारसेवकों की भीड़ ने विवादित ढांचे को गिरा दिया था। उनकी आस्था थी कि किसी प्राचीन मंदिर को ढहाकर वह मस्जिद बनाई गई थी। लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत तमाम बीजेपी नेता उस वक्त राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता थे।
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