सोनीपत। महिला पहलवान एवं बीजेपी नेता बबीता फोगाट (Female wrestler and BJP leader Babita Phogat) सोनीपत (sonipat) के विश्राम गृह में पहुंची जहां पर उन्होंने ने तीनों कृषि कानून (agricultural law) विरोधी आंदोलनकारियों को राजनीति से दूर रहने की नसीहत दी है। उन्होंने अपने गांव दादरी में प्रवेश के दौरान किये गए विरोध को गलत बताया। उन्होंने कहा कि किसान लगातार विरोध कर रहे हैं और किसानों का विरोध करना ठीक है, लेकिन किसी पर हमला करना गलत है। बेटे के साथ गांव जाने के दौरान आंदोलनकारियों द्वारा किये गए उग्र विरोध की बात करते-करते बबीता के आंसू छलक गए। बबीता ने कहा, किसान इस तरह की हरकत नहीं कर सकते, ये विपक्षियों की शह पर किया जा रहा है। किसान होते तो बातचीत का रास्ता बंद नहीं करते और जिद नहीं ठानते।
सरकार उनकी बात सुन रही है और लगातार बातचीत भी कर रही है। हम भी अपनी बात तथ्य के साथ बात करना चाहते हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बबीता भावुक हो गईं और कहा कि जब मेडल लेकर घर पहुंचती थी तो सभी स्वागत करते थे, लेकिन अब जब उनके बीच में जाती हूं तो गालियां सुनती हूं। किसान आंदोलन पर बोलते हुए बबीता ने कहा कि आंदोलन पहले भी होते थे लेकिन वह आंदोलन मुद्दों के ऊपर होते थे। अब एक नहीं, तीन आंदोलन चल रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि हमें डिफरेंस समझने की जरूरत है। एक खेत वाला किसान है एक विपक्ष वाला किसान हैं और एक फेसबुक वाला किसान है। विपक्ष युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहा है. एक समय होगा किसानों की समस्या का समाधान भी होगा, लेकिन ऐसा ना हो कि आप एक दूसरे से नजर ना मिला सके। आंदोलन के सहारे जो उपद्रव मचा रहे हैं, वे किसान नहीं है। सभी को अपनी बात रखने का हक है। किसान अपनी बात रख सकते हैं तो वह हमारी बात भी सुनें, हम भी अपनी बात तथ्यों के साथ रखना चाहते हैं।
विदित हो कि बबीता फोगाट रविवार को अपने गांव जाने के दौरान किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। भाजपा नेता और महिला विकास निगम की चेयरमैन बबीता का विरोध किसानों ने काले झंडे दिखाए थे और सड़क पर लेट गए थे। इसकी वजह से उन्हें अपना कार्यक्रम रद करना पड़ा था। बबीता फोगाट केंद्र की मोदी सरकार के सात पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाली थीं।
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