उज्जैन (Ujjain) । राजाधिराज भगवान महाकाल (lord mahakal) के महाशिवरात्रि (mahashivratri) पर हुए विवाह के बाद अब भक्तों द्वारा रिसेप्शन दिया जा रहा है. यह नगर भोज उज्जैन में पिछले 23 साल से हो रहा है. इसके लिए बकायदा पत्रिका तक छपाई जाती है. भगवान के विवाह के रिसेप्शन (Wedding Reception ) के आमंत्रण की पत्रिका देखकर हर कोई दंग रह जाता है.
धार्मिक नगरी उज्जैन(city ujjain) में भगवान महाकाल के विवाह का महोत्सव कई दिनों तक लगातार चलता है. इसी कड़ी में महाकालेश्वर मंदिर शयन आरती भक्त मंडल द्वारा 4 मार्च को भगवान के विवाह का रिसेप्शन दिया जा रहा है. फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी महा प्रदोष पर्व काल पर भगवान महाकाल के विवाह का भोज आयोजित हो रहा है. इस भोज में नगर भोज में बड़ी संख्या में भक्त प्रसादी ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं.
आयोजन समिति से जुड़े मयंक गर्ग, संजय वर्मा, दुष्यंत मंडलोई, महेंद्र कटियार ने बताया कि भगवान के विवाह का रिसेप्शन पिछले 23 सालों से लगातार हो रहा है. राजाधिराज भगवान महाकाल के विवाह के सहभोज के लिए जो पत्रिका छपाई गई है, वह आकर्षण का केंद्र है. आयोजन में साधु-संत, महामंडलेश्वर (Sage-Saint, Mahamandaleshwar) सहित आम लोग भी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं.
राजा महाकालेश्वर संग महारानी पार्वती
पत्रिका में राजा महाकालेश्वर और महारानी मां पार्वती के विवाह की समस्त जानकारी लिखी गई है. महाकालेश्वर को स्वयंभू ब्रम्हांडनायक निवासी कैलाश पर्वत बताए गए हैं, जबकि मां पार्वती को सुपुत्री नैना देवी, पर्वतराज हिमालय, उत्तराखंड लिखा गया है. इसी प्रकार दर्शनाभिलाषी में रिद्धि सिद्धि, श्री गणेश, कार्तिकेय स्वामी सहित अन्य भगवान के नाम अंकित है.
इसी कड़ी में विनीत के आगे नंदी महाराज, वीरभद्र, मणिभद्र, घंटा करण, कार्तिक मुख हनुमान, नाकोड़ा भैरव महाराज लिखा गया है. स्वागत की कड़ी में 33 करोड़ देवी देवताओं का उल्लेख किया गया है. यह पत्रिका हजारों की संख्या में सोशल मीडिया और व्यक्तिगत रूप से भी बांटी गई है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved