रामपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी के खिलाफ अर्मायदित शब्दों का प्रयोग करने के आरोप में भाजपा नेता ने रामपुर सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आकाश सक्सेना की तहरीर पर पुलिस ने कुरैशी पर राजद्रोह की धारा 124 ए समेत अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया है। पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी शनिवार रात सांसद आजम खां के घर आए थे।
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया है कि लोगों की भीड़ की उपस्थिति में पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तुलना शैतान से की थी। सरकार के खिलाफ अर्मादित शब्दों का प्रयोग किया था। साथ ही सरकार और आजम खां की लड़ाई को इंसान और शैतान की लड़ाई करार दिया था। आरोप है कि पूर्व राज्यपाल का बयान दो समुदायों के बीच शत्रुता आदि की भावनाओं को भड़काने वाला है तथा जान बूझकर लांछन लगाना एवं समाज में अशांति पैदा करने की श्रेणी में आता है।
अजीज कुरैशी द्वारा दिया गया बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इससे रामपुर का माहौल खराब होने की पूरी आशंका है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर पूर्व राज्यपाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 124ए, 502 (1) (बी) के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
रामपुर पहुंचकर आजम खां की पत्नी एवं विधायक डॉ. तजीन फात्मा से की मुलाकात
शनिवार रात आजम खां के आवास पर पहुंचे पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि कोरोना की वजह से वह डेढ़ साल से घर से बाहर नहीं निकल सके, लेकिन आज अपनी भाभी (आजम खां की पत्नी तजीन फात्मा) के पास आया हूं। अब भाभी से कहने आया हूं कि आप हिम्मत रखिए। लोग आपके साथ हैं। फतेह आपकी ही होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने आजम खां पर ज्यादती की। जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया है, उसके लिए कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
आजम खां की रिहाई की संभावना से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह लड़ाई शैतान और इंसान के बीच है। उनके खिलाफ एक के बाद एक कई मुकदमे दर्ज किए हैं। कुरैशी ने कहा कि हम सिर्फ दुआ कर सकते हैं, पूरी सरकार उनके खिलाफ लगी हुई है। जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर अजीज कुरैशी बोले कि आजम खां ने अपनी कौम की बेहतरी के लिए काम किया था।
मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा से बिल पास कराया, लेकिन कुछ लोग चाहते थे कि यह कौम न पढ़े और उनकी बराबरी न कर सके। इस वजह से बिल को 10 साल तक लटकाए रखा। इसकी वजह यह थी इस यूनिवर्सिटी में 50 फीसदी सीटें मुसलमानों के लिए रखी गई थीं। यह एक तबके को कुबूल नहीं था। मुझे जब प्रदेश के राज्यपाल की जिम्मेदारी मिली तो मैंने इस बिल को मंजूरी दे दी। मैं इसका श्रेय नहीं लेना चाहता हूं। इसका श्रेय तो आजम खां और मुलायम सिंह यादव को जाता है।
रामपुर वालों को सड़कों पर उतरना चाहिए था
सांसद आजम खां के खिलाफ कार्रवाई के समय रामपुर में कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं होने पर पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने हैरानी जताई। सांविधानिक पद पर रह चुकने के बावजूद कुरैशी ने आक्रामक शैली में कहा कि रामपुर के लोगों को आगे आना चाहिए था। सड़कों पर उतर कर सत्याग्रह, घेराव आदि करना चाहिए था। एक आदमी, जिसने रामपुर के लोगों के लिए अपनी पूरी जिंदगी लगा दी हो और जौहर यूनिवर्सिटी को बनाने के लिए खून पसीना एक किया, क्या हम लोग उसके पीछे भी खड़े नहीं हो सकते।
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