नई दिल्ली। 29 दिनों से चल रही है आर्मीनिया और अजरबैजान की जंग खत्म हो गई है। दोनों देशों ने 26 अक्टूबर की आधी रात से युद्ध विराम लागू करने पर सहमति जताई। अमेरिका की पहल पर आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष विराम हुआ है। इसका ऐलान खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा, ‘आर्मीनियाई पीएम निकोलस पशिनान और अज़रबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव को बधाई, जो आधी रात को प्रभावी ढंग से संघर्ष विराम का पालन करने के लिए सहमत हुए। इससे कई लोगों की जान बचाई जाएगी।’ इससे पहले माइक पोम्पियो ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से बात के बाद संघर्ष विराम का ऐलान किया था।
गौरतलब है कि आर्मीनिया और अजरबैजान दुनिया के नक्शे में दो छोटे से देश हैं, लेकिन इन दोनों के बीच नागोर्नो काराबाख को लेकर करीब एक महीने से ऐसी भीषण जंग चल रही है। दावा किया जा रहा है कि इस जंग में अब तक दोनों पक्षों के लगभग 5 हजार लोग मारे गए हैं। इस वजह से सबकी नजरें इन दोनों देशों पर टिकी है।
इससे पहले आर्मीनिया और अजरबैजान ने एक-दूसरे पर शांतिपूर्ण समाधान में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया था। आर्मीनिया ने अजेरी सेना पर नागरिक इलाकों पर बमबारी करने का आरोप लगाया। वहीं अजरबैजान ने आरोप से इनकार किया और कहा है कि वह संघर्ष विराम लागू करने के लिए राजी है, लेकिन पहले आर्मीनियाई सेनाओं को युद्धस्थल छोड़कर जाना होगा।
वहीं, नागोर्नो काराबाख के स्थानीय अधिकारियों ने अजेरी सेना पर आस्केरन और मार्टुनी के इलाकों में बस्तियों पर आर्टिलरी फायरिंग करने का आरोप लगाया है। वहीं अजरबैजान ने आरोप लगाया है कि उसकी पोजिशंस पर छोटे हथियारों, मोर्टार, टैंकों और होवित्जर्स से हमला किया गया है।
इस जंग में दो बार रूस की मध्यस्थता से संघर्षविराम की कोशिशें जा चुकी हैं, लेकिन दोनों ही बार संघर्षविराम टिक नहीं पाया और फिर से लड़ाई छिड़ गई। अब देखना होगा कि अमेरिका की ओर से किए गए संघर्ष विराम की मियाद कितने दिन होती है। क्या आर्मीनिया और अजरबैजान शांति के रास्ते पर लौटेंगे या कुछ दिन बाद फिर दोनों देश आमने-सामने होंगे।
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