लखनऊ। भड़काऊ भाषण (inflammatory speech) देने के मामले में अदालत से सजा मिलने के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता और रामपुर के विधायक मोहम्मद आजम खां (Mohd Azam Khan) की विधानसभा सदस्यता समाप्त (Assembly membership terminated) कर दी गई है। रामपुर विधानसभा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। अब वहां उपचुनाव होंगे। आजम खां पहले ऐसे विधायक हैं जिनकी विधायकी भड़काऊ भाषण के चलते चली गई।
जानकारी के लिए बता दें कि देश की सबसे बड़ी विधानसभा में पिछले 17 सालों में 35 सदस्य अपनी सदस्यता खो चुके हैं। 16 वीं विधानसभा में तो 20 विधायकों की सदस्यता अलग-अलग समय पर विधानसभा अध्यक्ष ने दल-बदल विरोधी कानून के तहत खत्म कर दी जबकि 17 वीं विधानसभा में अदिति सिंह, राकेश सिंह, नितिन अग्रवाल के खिलाफ इसी आधार पर सदस्यता खत्म कराने की याचिका तत्कालीन विधानसभा अध्यक्षों ने सही नहीं माना और याचिका खारिज कर दी।
इसी तरह वर्ष 2007 में 13 तेरह सदस्यों की सदस्यता दलबदल में समाप्त हुई थी। उनमें छह मंत्रियों राजपाल त्यागी, राजेंद्र सिंह राणा, योगेश प्रताप सिंह, बीरेन्द्र सिंह बुन्देला, शैलेन्द्र सिंह और दिनेश सिंह को विधायकी जाने के कारण मंत्री पद भी छोड़ना पड़ा था। 15 वीं विधानसभा में बाहुबली नेता डीपी यादव की पत्नी उमिलेश बदायूं बिसौली से चुनाव जीती थीं। उपविजेता ने उन पर ज्यादा पैसा खर्च करने व पेड न्यूज छपवाने की शिकायत की। वर्ष 2011 में चुनाव आयोग ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी।
दरअसल, वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में आजम खां ने एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अमर्यादित बयानबाजी की थी। साथ ही उन्होंने रामपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग किया था। उनके इस बयान का वीडियो प्रसारित हो गया था और इस मामले में उसी समय उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
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