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81 हजार का आयुष्मान इलाज, टॉप 10 बने शहर के आठ हास्पिटल

July 29, 2021

  • अभी तक 93 हजार मरीजों का इलाज…सरकार ने 1 अरब 86 करोड़ रूपए जारी भी कर दिए

इंदौर। सरकार द्वारा आयुष्मान कार्डधारियों का नि:शुल्क इलाज करने के लिए इंदौर में शासकीय व निजी अस्पतालों को चिह्नित किया गया है, जिनमें से शहर के आठ अस्पताल 81 हजार से अधिक आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों का इलाज कर टॉप टेन की श्रेणी में आ गए हैं। जो अस्पताल टॉप टेन में आए हैं, उनमें एमवाय, अरविंदो, इंडेक्स, मेडिस्क्वेयर, रेटीना, चोइथराम नेत्रालय, कैंसर अस्पताल तथा पीसी सेठी अस्पताल है। प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक अभी तक इन आठ अस्पतालों में ही कुल 81 हजार 864 आयुष्मान कार्डधारियों का इलाज किया गया है। इस योजना के अंतर्गत इंदौर जिले में अभी तक 93 हजार आयुष्मान कार्डधारी मरीजों का इलाज किया जा चुका है।
टॉप टेन श्रेणी में शामिल शहर के 8 अस्पतालों में सबसे ज्यादा एमवाय अस्पताल में 35 हजार आयुष्मान कार्डधारियों का इलाज हुआ है। दूसरे नंबर पर अरविंदो अस्पताल है, जहां 27 हजार 300 मरीजों का इलाज हुआ है। इसी प्रकार इंडेक्स में 5400, मेडिस्क्वेयर में 5 हजार, कैंसर हॉस्पिटल में 3600, पीसी सेठी अस्पताल में 1964, रेटीना आई अस्पताल में 1900 तथा चोइथराम नेत्रालय में 1700 आयुष्मान कार्डधारियों का इलाज हुआ है। इसके अलावा शहर के अन्य 38 अस्पताल हैं, जहां 12 हजार 864 आयुष्मान कार्डधारियों का इलाज हुआ है। जिन मरीजों का इलाज हुआ है उनमें से 86 हजार मरीजों का क्लेम सबमिट हुआ था, जिनमें से 80 हजार मरीजों का क्लेम फाइनल होने पर सरकार द्वारा विभिन्न अस्पतालों को एक अरब 86 करोड़ रुपए भी जारी कर दिए है। इस राशि में 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार ने दी है।


अस्पतालों में जाकर अधिकारी मरीजों की परेशानियां भी पूछते हैं
शहर के जिन अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड वाले मरीज एडमिट रहते हैं,वहां स्थानीय अधिकारी जाकर उनकी परेशानियां जानते हैं। मरीजों से पूछा जाता है कि आपके इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही तो नहीं हो रही है या रहने-खाने की दिक्कत तो नहीं है। समय पर डॉक्टर या नर्स जांच-पड़ताल कर दवाइयां दे रहे हैं या नहीं। सभी की बारीकी से जानकारी लेकर रिपोर्ट बनाते हैं। अगर किसी मरीज द्वारा समस्याएं बताई गईं तो तुरंत संबंधित डॉक्टर से बात कर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाता है।

हड़ताल के कारण कार्ड बनाने का काम प्रभावित
आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य मुख्य रूप से रोजगार सहायकों के जिम्मे है। इन्हीं की सक्रियता से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कार्ड बनाए जा रहे थे। पिछले कई दिनों से रोजगार सहायकों द्वारा हड़ताल की जा रही है, जिसके कारण आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य प्रभावित हो गया है। अभी तक इंदौर जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र महू, सांवेर, देपालपुर, हातोद में कुल 9 लाख 32 ही कार्ड बनाए जा चुके हैं। टारगेट पूरा करने के लिए अभी 2 लाख 43 हजार कार्ड और बनना बाकी हैं, जिसके लिए अधिकारियों द्वारा कार्य किया जा रहा है।


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