इंदौर। शासन ने आधी-अधूरी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की है, जिसमें कई नियमों का खुलासा ही नहीं है, तो यही स्थिति कम्पाउंडिंग पॉलिसी को लेकर भी है। दूसरी तरफ प्राधिकरण की योजनाओं में शामिल संस्थाओं की कॉलोनियां भी डीनोटिफाइड के इंतजार में फंसी पड़ी है। योजना 77 जब तक डीनोटिफाइड नहीं होगी, तब तक अयोध्यापुरी के पीडि़तों को प्राधिकरण से एनओसी हासिल नहीं होगी और उसके बाद ही फिर नगर निगम का कालोनी सेल आगे की प्रक्रिया नियमितिकरण की कर पाएगा।
कल नवागत संभागायुक्त दीपक सिंह ने अपना कार्यभार ग्रहण किया और साथ ही उन्होंने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण और इंदौर विकास प्राधिकरण में भी अपने अतिरिक्त प्रभार को संभाला। अभी संभागायुक्त ही प्राधिकरण के भी अध्यक्ष हैं। लिहाजा कल अयोध्यापुरी रहवासियों की ओर से संघर्ष कर रहे गौरीशंकर लाखोटिया सहित अन्य ने उनसे मुलाकात की और अपनी समस्या बताई। उसके पहले आंदोलन शुरू करने का भी निर्णय इन पीडि़तों ने ले लिया था। मगर श्री लाखोटिया के मुताबिक अभी संभागायुक्त ने आश्वासन दिया है कि वे उनकी समस्या के निराकरण की दिशा में प्रयास करेंगे, आप थोड़े दिन का इंतजार करो।
इस आश्वासन के बाद पीडि़तों ने आंदोलन का निर्णय स्थगित कर दिया और फिर आगे की रणनीति 10 दिन बाद बनाएंगे। दूसरी तरफ योजना 171 में भी पुष्प विहार सहित कई कॉलोनियां फंसी हैं, जिनसे जुड़ी 13 संस्थाओं को एनओसी मिलना है। अब पीडि़तों ने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है, क्योंकि प्राधिकरण योजना 171 को भी डीनोटिफाइड नहीं कर पा रहा है, क्योंकिकई संस्थाओं की जमीनें भूमाफियाओं ने हड़प रखी है। दूसरी तरफ तुलसी नगर को वैध किए जाने की प्रक्रिया भी अटकी पड़ी है। कल एक बार फिर भूखंडधारकों ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से मुलाकात की और महापौर ने भी अधिकारियों के रवैये पर नाराजगी जाहिर की।
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