– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
अयोध्या प्राचीन काल से भव्य नगरी के रूप में प्रतिष्ठित रही है। प्रभु श्रीराम के यहां अवतार लेने से पहले यह चक्रवर्ती सम्राटों की वैभवशाली राजधानी थी। प्रभु के अवतार ने इसे आध्यात्मिक रूप से भी दिव्य बना दिया था। किंतु मध्यकाल में इसे विदेशी आक्रांताओं के आक्रमण झेलने पड़े। पांच सौ वर्षों बाद यहां जीर्णोद्धार प्रारंभ हुआ है। भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। किंतु अयोध्या का विकास यहीं तक सीमित नहीं है। इसको विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। हजारों करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का क्रियान्वयन चल रहा है। इसमें मूलभूत सुविधाओं का विकास, ढांचागत निर्माण कार्य, शिक्षा स्वास्थ्य, सड़क कनेक्टिविटी आदि सभी क्षेत्र शामिल है।
योगी आदित्यनाथ स्वयं इन कार्यों का जायजा लेने अयोध्या पहुंचते हैं। दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वह दो बार अयोध्या की यात्रा कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने श्रीराम लला के दर्शन पूजन के अलावा मंदिर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने अन्य निर्माण कार्यों की समीक्षा की। वह एक स्कूल का भी निरीक्षण करने गए। कुछ देर के लिए वह एक शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाते दिखाई दिए। वस्तुतः उनके कार्य करने का अपना अंदाज है। वे एक यात्रा में एक साथ अनेक उद्देश्य पूरा करते हैं। इन सभी का संबंध प्रदेश व समाज के हित से जुड़ा होता है।
अयोध्या गए तो वहां श्रीराम लला विराजमान का दर्शन पूजन किया। यहां बन रहे मंदिर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। अनेक विकास योजनाओं की समीक्षा की। दलित परिवार में भोजन कर समरसता का संदेश दिया। उनके घर जा रहे थे तो पता चला कि कुछ मीटर दूरी पर बेसिक स्कूल है। बेसिक शिक्षा में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से विगत पांच वर्षों में अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं। योगी अक्सर इन विद्यालयों में निरीक्षण के लिए जाते रहते हैं। उस समय स्कूल खुला हुआ था तो वह कुछ पल के लिए शिक्षक की भूमिका में आ जाते हैं। बच्चों के लिए यह यादगार लम्हा बन जाता है।
दरअसल, योगी दलित महिला बसंती के बेगमपुरा स्थित आवास में भोजन हेतु जा रहे थे। उनका काफिला आवास से कुछ आगे बढ़ गया। इंतजार कर रहे लोगों को हैरत हुआ। यहां से कुछ मीटर दूरी पर उनका काफिला रुका। योगी आदित्यनाथ वाहन से उतर कर पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटरा पहुंच गये। विद्यालय में सुविधाओं का निरीक्षण किया। सरकार द्वारा बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही यूनिफॉर्म की जानकारी प्राप्त की। इसके बाद वह कई क्लास रूम में मुख्यमंत्री नहीं बल्कि शिक्षक के रूप में गए। बच्चों से सहजता से संवाद किया। ब्लैक बोर्ड पर जो लिखा था उसके बारे में उनसे सवाल किए। जो किताब खुली थी या कॉपी पर बच्चों ने जो लिखा था, उसके विषय में पूछा। जो गलती थी, उसे सही कराया। बच्चों से किताब पढ़वाई। हिंदी के शब्द और अर्थ के विषय में पूछा।
अयोध्या मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण शामिल है। बीस हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, राम की पैड़ी परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या, चौरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है।
अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी है। इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थ यात्रियों के ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं।
अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र व विश्व स्तरीय संग्रहालय बेजोड़ होगा। सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास हो रहा है। ग्रीनफील्ड सिटी योजना, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरयू तट पट विकास, पैंसठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। अयोध्या को स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा। अयोध्या के आस-पास संचालित लगभग दो हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं कार्य चल रहा है।
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में इसकी समीक्षा की। उन्होंने अयोध्या के विजन डॉक्युमेण्ट ‘अयोध्या विजन तथा आगामी सौ दिनों में किए जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन भी किया। अयोध्या के विकास कार्यों की समीक्षा के लिए आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। अयोध्या विजन के विभिन्न विभागों की दो सौ से ज्यादा परियोजनाओं की नियमित निगरानी के लिए डैशबोर्ड तैयार किया गया है। इसकी नियमित समीक्षा भी होती रहेगी। अयोध्या के आगामी विकास में तीन प्रमुख पथ निर्धारित किए गए हैं। पहला पथ राम पथ- सहादतगंज से नयाघाट, दूसरा पथ- श्रीराम जन्मभूमि पथ-सुग्रीव किला मार्ग से श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर, तीसरा पथ- भक्ति पथ-श्रृंगार हाट से रामजन्मभूमि मन्दिर तक हैं।
योगी ने अयोध्या में हर घर नल कनेक्शन की व्यवस्था को बेहतर बनाने, विद्युत आपूर्ति को बेहतर करने के निर्देश दिए। दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन की अपनी परंपरा का निर्वाह किया था। पांच वर्ष पूर्व भी उन्होंने ऐसा किया था। तब श्री रामजन्मभूमि पर यथास्थिति थी। योगी ने अपनी योजना के अनुरूप यहां पर्यटन विकास संबंधी कार्य शुरू कर दिए थे। फिर वह समय भी आया जिसकी पांच सदियों से प्रतीक्षा थी। मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ। इस बार योगी जब अयोध्या पहुंचे तो स्थिति अलग रही। भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। श्री रामलला को अस्थाई मंदिर में योगी आदित्यनाथ द्वारा ही प्रतिष्ठित किया गया था।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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