पत्रकार वार्ता में आपने बताया गया है कि नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी मंदिर तोड़े गये थे और वह क्रम आज भी जारी है। अभी तक 50 हजार से अधिक मंदिर तोड़े गये हैं। आपने कहा कि न्यायालय में उन्होंने पक्षकार बनकर 350 से अधिक प्रमाण दिये हैं। उन्हीं प्रमाणों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय दिया है। महाराजश्री ने कहा कि हमारी और अन्य साधु-संतों की मंशा है कि अयोध्या का मंदिर कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर के जैसे बनना चाहिए, जिसमें एक साथ लाखों लोग दर्शन कर सकते हैं।
दो पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी ने कहा कि भाजपा जिन मुद्दों को लेकर सत्ता में बैठी है वह उन मुद्दों को भूल चुकी है। न तो गंगा की सफाई हुई और न ही गौ-हत्या बंद हुई। आज भी हमारे देश में गौ-हत्या जारी है। महाराजश्री ने आरोप लगाया है कि भाजपा की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भगवान राम का मंदिर नहीं बल्कि स्मारक बनाना चाहती है, जिस मंदिर के लिये 500 साल से संघर्ष हो रहा था आज भाजपा उस मुद्दे को भुना रही है। भाजपा की मातृ संस्था को तो अभी 100 साल भी पूरे नहीं हुये हैं। आज भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग दरवाजा खट-खटाकर चंदा वसूल कर रहे हैं। इस मंदिर के लिए देश के जिन तीन लाख से अधिक लोगों का बलिदान हुआ है, उसमें इस संस्था से जुड़े कोई भी नहीं हैं।
महाराजश्री ने कहा कि आज दिल्ली में जवान और किसान आमने-सामने हैं। आजादी के बाद जब इस देश में अन्न की कमी हुई थी और देश चारों तरफ से असुरक्षित था, तब लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान और जय किसान नारा दिया था, लेकिन आज जवान और किसानों को आमने-सामने खड़ा कर दिया गया है। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए। लोक की माँग को सरकार ध्यान में रख पूरा करती है, लेकिन यहाँ ऐसा नहीं है। किसान कानूनों को लागू कर किसान को थोप दिया गया है।
महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार के संबंध में जब महाराजश्री से प्रश्न पूछा गया तो आपने कहा कि महिलाओं के प्रति जो आदर की भावना होनी चाहिए वह शिक्षा में नहीं है। धर्म और नैतिकता का स्थान किताबों में रहा ही नहीं। हम सनातनी लोग कन्या को दुर्गा, विवाहित को सौभाग्यवती और वृद्धा को माँ कहकर सम्बोधित करते हैं। नारी के रूप में भगवान को देखते हैं और नारी को माँ मानते हैं। सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है जो पुर्नजन्म की थ्योरी को मानता है। सनातनी यह मानता है कि हम अच्छे कर्म करेंगे तो हमारा अगला जन्म अच्छा होगा और यदि इस जन्म में बुरा हो रहा है तो वह पूर्व जन्म का फल है। ऐसा अन्य और कोई धर्म नहीं मानता। एजेेंसी
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