अयोध्या (Ayodhya)। दिव्य-भव्य गर्भगृह (grand sanctum sanctorum) में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव (Ramlala’s Pran Pratishtha Festival) अद्भुत व ऐतिहासिक (Amazing and historical) होगा। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। देश के एक हजार मंदिरों (1000 temples country) में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विशेष अनुष्ठान व पूजन किया जाएगा। प्रयास किया जा रहा है कि दुनिया भर में इस उत्सव की आभा बिखरती नजर आए। लाइव प्रसारण के जरिए पूरी दुनिया प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की साक्षी बन सकेगी। रामजन्म भूमि (Ram Janmabhoomi) में निर्माणाधीन राममंदिर का भूतल नवंबर तक बनकर तैयार हो जाएगा।
मकर संक्रांति 15 जनवरी से 24 जनवरी 2024 के बीच रामलला को गर्भगृह में विराजित किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में मुख्य यजमान के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शामिल होंगे। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन भीड़ नियंत्रण करने का भी प्लान बन रहा है। इसके चलते बड़ी संख्या में भक्त अयोध्या नहीं पहुंच पाएंगे। ऐसे में प्राण प्रतिष्ठा उत्सव देश भर के मठ-मंदिरों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
देश के हर राज्यों से कुल एक हजार बड़े मंदिर चिह्नित किए जा रहे हैं। जहां राम मंदिर के उदघाटन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण और विशेष पूजा का आयोजन होगा। जिन लोगों ने राममंदिर निर्माण में अधिक सहायता की है उन्हें भी इस कार्यक्रम में जोड़ा जाएगा।
राममंदिर में दिखेगी देश के संस्कृति की झलक
राममंदिर में देश की संस्कृति की झलक दिखेगी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दो साल में जब पूरा मंदिर बन जाएगा तब पता चलेगा कि मंदिर निर्माण में सभी राज्यों का किसी न किसी प्रकार का योगदान है।
उन्होंने बताया कि मंदिर में जिन पत्थरों का प्रयोग हो रहा हैं वे राजस्थान व कर्नाटक से आए हैं। रामलला की अचल मूर्ति कर्नाटक व राजस्थान के पत्थरों से बन रही है। राममंदिर के दरवाजे महाराष्ट्र के सागौन की लकड़ियों से बन रहे हैं। दरवाजों पर नक्काशी का काम कन्या कुमारी के कारीगर कर रहे हैं। इस तरह मंदिर निर्माण में पूरे देश का योगदान है।
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