अयोध्या (Ayodhya)। 27 साल तक टेंट में सर्दी, गर्मी व बरसात झेलने वाले रामलला (Ayodhya Ram Pran Pratishtha) 21 जनवरी की रात अपने भव्य नवनिर्मित महल (grand newly built palace) में पहुंच गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अस्थायी मंदिर में विराजमान रामलला को अपने हाथों से उठाकर सीने से लगाया और पुजारियों को सौंप दिया। इसके बाद पुजारियों ने भव्य महल में रामलला (Ramlala) को ले जाकर विधिविधान पूर्वक शयन (proper sleeping) कराया।
राममंदिर के ट्रस्टी जगद्गुरु विश्वेश प्रसन्न तीर्थ व राममंदिर के पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारों के बीच रामलला को गोद में ले जाकर नए मंदिर में शयन कराया। 1949 में 22/23 दिसंबर की रात विवादित ढांचे के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित कर दी गई थी।
इससे पहले रविवार को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान 114 कलशों में 108 प्रकार की औषधियों से युक्त देश-विदेश की पवित्र नदियों के जल से रामलला को दिव्य स्नान कराया गया। उनके मध्वाधिवास की प्रक्रिया पूरी की गई। पुत्रदा एकादशी पर वैदिक मंत्रों से ब्रह्मांड के सभी देवी-देवताओं को प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया।
अनुष्ठान की शुरुआत गणपति पूजन से हुई। इसके बाद चारों वेदों का मंगलाचरण किया गया। फिर रामलला के रजत विग्रह को नींद से जगाकर उनकी पूजा-अर्चना की गई और पालकी यात्रा निकाली गई। आचार्य अरुण दीक्षित ने कहा, तुलसीदास जी लिखते हैं, सुर समूह बिनती करि पहुंचे निज धाम, जगनिवास प्रभु प्रगटे अखिल लोक विश्राम…रामजन्म के समय सभी देवी-देवता अयोध्या में मौजूद थे। रामजन्म जैसे मुहूर्त में ही प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है।
आचार्य दीक्षित ने बताया कि मध्वाधिवास के क्रम में काजू, बादाम, पिस्ता, केसर समेत कई प्रकार के मेवे और मिठाइयों से अधिवास कराया गया। वाल्मीकि रामायण, कागभुसुंडि रामायण, अध्यात्म रामायण, रामचरित मानस आदि प्रमुख ग्रंथों का पाठ भी जारी रहा। मुख्य यजमान के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से डॉ. अनिल मिश्र सपत्नीक मौजूद रहे। इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ. आरएनसिंह, महेश भागचंदका ने भी अनुष्ठान में हिस्सा लिया।
अभेद्य अयोध्या 13 हजार जवान, 10 हजार कैमरों से सुरक्षा
अयोध्या धाम में चप्पे-चप्पे पर कड़ी सुरक्षा है। 13 हजार जवान तो तैनात हैं ही, ड्रोन रोधी तकनीक और कृत्रिम मेधा (एआई) युक्त 10,000 सीसीटीवी कैमरों की भी मदद ली जा रही है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल का शिविर भी मंदिर के पास बनाया गया है। यूपी पुलिस के विशेष महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया, यह हमारे लिए अवसर और चुनौती दोनों है। अयोध्या के करीबी जिलों से ट्रैफिक में बदलाव समेत भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सोमवार के लिए सिर्फ अधिकृत वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति है। शहर को सेक्टरों में बांटकर सादे कपड़ों में अधिकारियों की तैनाती की गई है।
शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती हुए अनुष्ठान में शामिल
कांची के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती भी रविवार के अनुष्ठान में शामिल हुए। राममंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि ने बताया, मध्वाधिवास व रामलला के अभिषेक की प्रक्रिया विजयेंद्र सरस्वती के निर्देशन में पूरी की गई। गोविंददेव ने कहा, कुछ लोगों ने भ्रम फैला दिया कि शंकराचार्य विरोध कर रहे हैं। सभी शंकराचार्य पीठों का आशीर्वाद मिला है। जो शंकराचार्य नहीं हैं और शंकराचार्य कहलाते हैं, सिर्फ वही विरोध कर रहे हैं।
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले हम मोदी विरोधी नहीं…प्रशंसक हैं
अधूरे मंदिर का हवाला देकर प्राण प्रतिष्ठा का विरोध करने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सुर बदल गए हैं। प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी नहीं, बल्कि प्रशंसक हैं।
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