अयोध्या (Ayodhya) । रामलला (Ramlala) अयोध्या के नए मंदिर में विराजमान होने के लिए तैयार हैं। 22 जनवरी को होने वाली उद्घाटन कार्यक्रम (inauguration program) की तैयारियां जारी हैं। इसी बीच एक और सवाल उत्सुकता बढ़ाने लगा है कि नई मूर्ति मंदिर में पहुंचने के बाद पहली वाली का क्या होगा? कहा जा रहा है कि पहले से मौजूद राम मूर्ति को भी मंदिर में ही जगह दी जाएगी। हालांकि, इसे लेकर मंदिर ट्रस्ट की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि फिलहाल छोटे मंदिर में रखी गई रामलला की दूसरी मूर्ति की की भी नई मूर्ति के साथ गर्भ गृह में ही प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है। साथ ही कहा जा रहा है कि नई को अचल मर्ति कहा जाएगा। जबकि, पुरानी की पहचान उत्सवमूर्ति के तौर पर होगी। फिलहाल, उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर काम जारी है।
‘सूर्य स्तंभों’ से सजाई जा रही सड़क
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शहर की एक प्रमुख सड़क को सूरज की थीम वाले ‘सूर्य स्तंभों’ से सजाया जा रहा है। तीस फुट ऊंचे प्रत्येक स्तंभ में एक सजावटी गोला है, जो रात में लाइट जलने पर सूर्य जैसा दिखता है। उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अयोध्या संभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसे 40 स्तंभ ‘धर्म पथ’ मार्ग पर लगाए जाएंगे, जो नया घाट के पास लता मंगेशकर चौक को अयोध्या बाईपास से जोड़ता है।
पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता ए.पी. सिंह ने बताया, ‘नवनिर्मित राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले इन ‘सूर्य स्तंभों’ को स्थापित किया जा रहा है। इनमें से लता मंगेशकर चौक के पास सड़क के दोनों ओर 10-10 स्तंभ लगाए जाएंगे।’
अयोध्या धाम हुआ अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम
उत्तर प्रदेश के अयोध्या रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अयोध्या धाम जंक्शन कर दिया गया है। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से होने वाले उद्घाटन से कुछ दिन पहले की गई है। रेलवे बोर्ड में निदेशक (वैगन इंटरचेंज) अजय कुमार नौलखा ने उत्तर रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रबंधक को बुधवार को लिखे आधिकारिक पत्र में यह जानकारी दी। पत्र के मुताबिक, उत्तर रेलवे अंतर्गत लखनऊ रेल मंडल के अयोध्या जंक्शन का नाम अयोध्या धाम जंक्शन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
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