लखनऊ । अयोध्या विकास प्राधिकरण से राम मंदिर का मानचित्र स्वीकृत होने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इसे मीडिया के सामने पेश किया है, जो कि खूबसूरत प्रिंटेड मॉडल है. यही नहीं, जो मॉडल मीडिया के सामने पेश किया है, उसी आधार पर अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा. आपको बता दें कि 2 सितंबर को अयोध्या विकास प्राधिकरण ने राम मंदिर के दो नक्शों को मंजूरी दी थी.
अयोध्या राम जन्म भूमि के महासचिव ने कहा है कि राम मंदिर की आयु 1000 साल से भी ज्यादा होगी। साथ ही आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर मंदिर के लिए भूकंप एवं अन्य कंपन को भी स्टडी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण ऐसा होगा कि भूकंप से भी मंदिर की नींव नहीं हिल पाएगी। बता दें कि आज अयोध्या विकास प्राधिकरण ने राम मंदिर का नक्शा श्री राम जन्मभूमि के ट्रस्टियों को सौंपा है।
राम जन्म भूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि लार्सन एंड टुब्रो के निवेदन पर आआईटी चेन्नई ने मंदिर के स्थान की मिट्टी की शक्ति की जांच के लिए 60मी. तक की गहराई तक मिट्टी का सैंपल लिया है । CBRI, IIT चेन्नई के प्रोफेसर मिलकर भूकंप और हर तरह के कंपन को स्टडी कर रहे हैं। हमारे मंदिर की आयु 1000 साल है। नींव की मजबूती के लिए 1200 खंभे 100 फीट जमीन के अंदर तक बनाए जाएंगे। इस्तेमाल होने वाली सामग्री IIT चेन्नई निर्धारित करेगा।
बहरहाल, पहला लेआउट राम मंदिर परिसर का है, जिसका क्षेत्रफल 274110 वर्ग मीटर है. जबकि दूसरा लेआउट 12879 वर्ग मीटर का है, जिस पर राम मंदिर का निर्माण होगा. मानचित्र स्वीकृति के लिए राम लला की तरफ से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दो करोड़ 11 लाख 33 हज़ार 184 रुपय विकास शुल्क भी अदा किया.मंदिर के बेस को मजबूत बनाने के लिए जमीन के अंदर 1200 पिलर बनाए जाएंगे । आमतौर पर बाजार में बिकने वाले सीमेंट का राम मंदिर निर्माण के कार्य में प्रयोग नहीं किया जाएगा.
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