अयोध्या । दिवाली (Diwali) के मौके पर अयोध्या (Ayodhya) के भव्य मंदिर (Grand temple) में विराजमान रामलला (Ramlala) ने पीतांबर वस्त्र धारण (Yellow Clothes) किया. मंदिर निर्माण के बाद रामलला की पहली दिवाली (Ramlala’s first Diwali) पर बालक राम ने जहां पीतांबर धारण किया तो वहीं उनको विशेष मिठाई भी अर्पित की गई. ये मिठाई श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपी गई।
सोने के वर्क से सजी मिठाई को कई तरह के ड्राई फ्रूट्स से तैयार किया गया. इसे अमेरिका की Blueberry, यूरोप के Hazelnut के अलावा मामरा बादाम और केसर से तैयार किया गया था. इस मिठाई को बनाने वाले क्षितिज अग्रवाल ने बताया कि इसको बनाने में 12 घंटे का समय लगा।
तैयार होने के बाद मिठाई चंपत राय जी को सौंपी गई और उनके द्वारा मंदिर के पुजारियों को. रामलला का ये भोग श्रीराम मंदिर की रसोई में ही बनता है. दिवाली पर उनको अलग-अलग व्यंजनों का भोग लगाया गया।
वहीं, रामलला को पीले रंग की सिल्क की धोती और वस्त्र पहनाए गए. पीले रंग के सिल्क के वस्त्र पर रेशमी कढ़ाई के साथ ही सोने और चांदी के तारों की कढ़ाई भी की गई थी. कई लड़ियों की माला और आभूषणों से भी श्रंगार हुआ. चांदी के तारों से बालक राम के पीले वस्त्रों पर वैष्णव प्रतीकों को सजाया गया.
बालक राम (रामलला की बड़ी प्रतिमा) के साथ ही भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान टेंट में रहे रामलला और उनके तीनों भाइयों ने भी पीले रंग के वस्त्र पहने. क्योंकि, पीला रंग शुभ माना जाता है और रेशमी वस्त्र को भी शुभ माना गया है।
अयोध्या में जलाए गए 28 लाख दीये
उधर, अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद ये पहला दीपोत्सव है, ऐसे में यूपी सरकार ने सरयू नदी के तट पर 28 लाख दीये जलाकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए इसे भारत में सनातन धर्म परंपरा का एक महत्वपूर्ण त्योहार बताया. मुख्यमंत्री योगी ने कहा- हजारों साल पहले 14 साल के वनवास के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के अयोध्या आगमन और रामराज्य की शुरुआत की याद में भारतभर में भक्तों ने अपने घरों को दीपों की मालाओं से सजाकर इस त्योहार को मनाना शुरू किया था. सीएम योगी ने कहा कि इस साल की दिवाली “ऐतिहासिक” है, क्योंकि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्री रामलला अपने धाम में विराजमान हुए हैं।
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