अयोध्या (Ayodhya) । अयोध्या के डीएम नितीश कुमार (DM Nitish Kumar) और हनुमानगढ़ी के साधु और भाजपा नेता राजू दास (Raju Das) के बीच हुए विवाद का मामला मुख्यमंत्री (Chief Minister) तक पहुंच गया है। यह विवाद गुरुवार की रात सरयू गेस्ट हाउस में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जयवीर सिंह के सामने हुआ था। शुक्रवार को पूरे दिन यह मामला सोशल मीडिया पर छाया रहा। विवाद के बाद राजू दास ने कहा कि साजिश के तहत मेरा गनर वापस ले लिया गया है। उधर, डीएम का कहना है कि राजू दास के ऊपर आपराधिक मुकदमे हैं।
सूत्रों के अनुसार जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही और पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह गुरुवार को सरयू गेस्ट हाउस में पार्टी के विधायकों, जिलाध्यक्ष, महापौर और पूर्व जिलाध्यक्ष समेत कुछ पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। इसी बैठक में भाजपा नेता राजू दास भी चुनाव का ‘फीडबैक’ देने पहुंचे थे।
राजू दास का कहना है कि जब वह फीडबैक दे रहे थे तभी डीएम वहां पहुंच गए और मुझे अपमानित करने वाले लहजे में बात की। राजू दास का कहना है कि डीएम ने मेरा ही नहीं, संत समाज का अपमान किया है।
उधर, डीएम नितीश कुमार ने कहा कि मैं प्रभारी मंत्री से मिलने गया था। राजू दास लगातार अयोध्या को लेकर नकारात्मक बातें कह रहे हैं। राजू दास के साथ किसी झड़प से इनकार करते हुए कहा कि मैंने उनके साथ बैठक में हिस्सा लेने से मना किया था। रही बात उनकी सुरक्षा की तो उनके ऊपर अयोध्या जिले में 2013, 2017 व 2023 में तीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। उनकी सुरक्षा दो बार में दस दिन पहले ही हटा ली गई थी।
राजू दास और डीएम के बीच विवाद की शुरुआत फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद हुई थी। राजू दास ने डीएम और एसपी समेत जिले के अन्य अफसरों पर भाजपा की हार का ठीकरा फोड़ते हुए उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। राजू दास भाजपा के नेता हैं और हनुमानगढ़ी की उज्जैनिया पट्टी के महंत संतराम दास के उत्तराधिकारी हैं।
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