इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज आयशा मलिक की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। उच्चस्तरीय समिति ने रूढ़िवादी मुस्लिम देश में लाहौर हाईकोर्ट की जज आयशा मलिक की सुप्रीम कोर्ट में तरक्की को मंजूरी दे दी।
चीफ जस्टिस गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाले पाकिस्तानी न्यायिक आयोग ने उनकी नियुक्ति को बहुमत के आधार पर (चार के मुकाबले पांच वोट) मंजूरी दी।
उनके नाम पर संसदीय समिति विचार करेगी, जो बमुश्किल ही जेसीपी के खिलाफ निर्णय लेती है। यह दूसरी बार था, जब जेपीसी ने आयशा मलिक की प्रोन्नति पर विचार किया था। पिछले साल 9 सितंबर को भी उनके नाम पर विचार किया गया था।
पाकिस्तान से की प्रारंभिक शिक्षा
आयशा ने अपनी बुनियादी शिक्षा पेरिस और न्यूयॉर्क के स्कूलों से की और अपनी स्कूली शिक्षा पाकिस्तान के कराची ग्रामर स्कूल से की। साथ ही कराची के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री ली।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक कानूनी शिक्षा पाकिस्तान कॉलेज ऑफ लॉ, लाहौर में पूरी की है। बाद में उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल और कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स से एलएलएम किया।
आयशा की मुख्य शैक्षिक उपलब्धि को देखते हुए उनकी योग्यता के लिए लंदन एच. गैमन फेलो 1998-1999 के लिए नामित किया गया था। साथ ही आयशा शादीशुदा है और उनके तीन बच्चे हैं।
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