भोपाल। केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश के अंतराष्ट्रीय पर्यटन दिवस (International Tourism day) पर तीन गांवों को विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम (Best Tourist Village) से सम्मानित किया है। प्राणपुर को शिल्प श्रेणी में और सावरवानी एवं लाडपुरा खास को जिम्मेदार पर्यटन की श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। ये गांव भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 में विजेता रहे हैं। प्राणपुर चंदेरी में, लाडपुरा खास निवाड़ी और सावरवानी छिंदवाड़़ा जिले में हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश के तीन ग्रामों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम पुरस्कार मिलने पर बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।
गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों की प्रतियोगिता की शुरूआत की गई थी। इस पहल का मकसद उन गांवों की पहचान करना और उन्हें चिन्हित करना था, जो समुदाय-आधारित मूल्यों और सभी पहलुओं में स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के ज़रिए सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपत्ति को संरक्षित करते हैं और बढ़ावा देते हैं।
सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता के दूसरे संस्करण में, 30 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कुल 991 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 36 गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम प्रतियोगिता 2024 की 8 श्रेणियों में विजेता घोषित किया गया।
सावरवानी में वे सब सुविधाएं हैं जो आदर्श गांव के लिए अनिवार्य हैं। सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गांवों की शांति और प्राकृतिक परिवेश पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करता है। यहाँ शांत वातावरण में रुक कर आसपास के प्राकृतिक पर्यटन स्थल जैसे अनहोनी गर्म कुंड, अनहोनी मेला, सप्तधारा, चांवलपानी के पास स्थित खारा पानी दैविक कुंड, घोघरा वाटरफाल, तामिया, पातालकोट, मौनीबाबा की पहाड़ी के साथ झिंगरिया वाटरफाल की सैर कर पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेते हैं। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन का बरगोदी गांव इससे सटा हुआ है।
पर्यटकों के लिए ब्रेक फास्ट, लंच और डिनर का पूरा पैकेज है। इसके अलावा बैलगाड़ी की सैर, गायों का दूध दुहना, उन्हें चारा खिलाना, खेती किसानी के छोटे-छोटे काम करना और पास की मोनाखेड़ी पहाड़ी में ट्रैकिंग की सुविधा, भजन मंडली और जनजातीय करमा नृत्य मंडली भी उपलब्ध होने से सावरवानी में रुकना यादगार बन जाता है और स्मृति लंबे समय तक बनी रहती है।
बुनकरों और शिल्पकारों का ग्राम प्राणपुर
प्राणपुर गांव, चन्देरी की तराई में लगभग चार किमी दूरी पर सुरम्य स्थल है। इस गांव की विशेषता यह है कि गांव के 243 घर बुनाई कला से जुड़े हैं। वे हथकरघे का उपयोग दो-तीन पीढ़ियों से कर रहे हैं। गांव के पचास से अधिक शिल्पकार बांस, लकड़ी, पत्थर, गहनें तथा मिट्टी के शिल्प से जुड़े हैं। यह पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र है।
गांव के पुराने कच्चे पहुंच मार्ग की मरम्मत स्थानीय पत्थरों का से की गयी है। गांव के अन्दर पर्यटक अपने वाहनों से जाकर एक नियत स्थान पर उतरकर आकर्षक गांव का भ्रमण करते है। यहाँ पर एक पार्किंग स्थल भी विकसित किया गया है। पर्यटकों के लिये विशेष रूप से एक कैफेटेरिया “हेण्डलूम कैफे” का निर्माण किया गया है। यहां महिला, पुरुष एवं दिव्यांगजनों के लिये जनसुविधाओं एवं पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई है।
पर्यटकों की सुविधाओं एवं मनोरंजन के लिए बगीचा विकसित किया गया है। जिसमें एम्फीथियेटर का निर्माण भी किया गया है। यहां स्थानीय समुदाय के सांस्कृतिक दल समय-समय पर पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved