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CBI का दावा: लंदन में संपत्ति खरीदने DHFL के करोड़ों रुपये लगाए अविनाश भोसले ने

July 29, 2022

नई दिल्‍ली। चर्चित यस बैंक डीएचएफएल स्कैम (Yes Bank-DHFL Case) में सीबीआई की तरफ से एक नई चार्जशीट दाखिल की गई है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने इस चार्जशीट में अविनाश भोसले, सत्यम गोपालदास टंडन, मेट्रोपोलिस होटल्स एलएलपी, ABIL इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, ABIL हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, अरिंदम डेवलपर्स एलएलपी, अविनाश भोसले ग्रुप, फ्लोरा डेवलपमेंट लिमिटेड का नाम शामिल किया है।

बता दें कि चर्चित यस बैंक-डीएचएफएल घोटाले (Yes Bank-DHFL Scam) के सिलसिले में पुणे के जाने-माने बिल्डर अविनाश भोसले (Builder Avinash Bhosale) के खिलाफ सीबीआई (CBI) द्वारा दायर किए आरोप पत्र (charge-sheet) में कहा गया है कि भोसले ने लंदन में एक संपत्ति खरीदने के लिए डीएचएफएल से प्राप्त 550 करोड़ रुपये में से 300 करोड़ रुपये खर्च किए।

केंद्रीय एजेंसी ने भोसले को दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) और यस बैंक (Yes Bank) से जुड़े एक कथित घोटाले में गिरफ्तार किया है। इस सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में उनके खिलाफ आरोप पत्र (Charge-sheet)) दाखिल किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई में विशेष सीबीआई अदालत (Special CBI Court) में दायर पूरक आरोप पत्र से संबंधित मामले में एजेंसी ने सत्यन गोपालदास टंडन, मेट्रोपोलिस होटल्स एलएलपी, एबीआईएल इन्फ्राप्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, एबीआईएल हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, अरिंदम डेवलपर्स, अविनाश भोसले ग्रुप और फ्लोरा डेवलपमेंट लिमिटेड को भी नामजद किया गया है।



इस पूरे मामले में दायर तीसरे पूरक आरोप पत्र में कहा गया है कि सह-आरोपी संजय छाबरिया ने 317.40 करोड़ रुपये डायवर्ट किया। यह उस धनराशि का हिस्सा था, जो भोसले और उनकी कंपनियों के लिए डीएचएफएल को यस बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त हुआ था। साथ ही, सीबीआई के अनुसार, एबीआईएल इंफ्रास्ट्रक्चर को 43 करोड़ रुपये और मेट्रोपोलिस होटल्स को 140 करोड़ रुपये का वितरण किया गया था। डीएचएफएल के कपिल वधावन ने अप्रैल-मई 2018 में यस बैंक द्वारा डीएचएफएल में निवेश करने के तुरंत बाद इस भुगतान को मंजूरी दी थी। एबीआईएल इंफ्रास्ट्रक्चर और मेट्रोपोलिस होटल दोनों ही भोसले के स्वामित्व या नियंत्रण में हैं।
वहीं आरोप पत्र में कहा गया है कि इसके अलावा, भोसले की तीन अन्य संस्थाओं ने कपिल वधावन द्वारा वित्तपोषित कई परियोजनाओं के लिए परामर्श शुल्क के रूप में 68.80 करोड़ रुपये प्राप्त किए। कुल मिलाकर भोसले की कंपनियों को डीएचएफएल से 569.22 करोड़ रुपये मिले। डीएचएफएल ने यह राशि यस बैंक से प्राप्त किया था।

आरोप पत्र में कहा गया है कि भोसले ने इस पैसों में से 300 करोड़ रुपये का इस्तेमाल ब्रिटेन में फ्लोरा डेवलपमेंट लिमिटेड के जरिए 5 स्ट्रैंड लंदन में 92.5 मिलियन ब्रिटिश पाउंड (करीब नौ अरब रुपये) मूल्य की संपत्ति हासिल करने के लिए किया था। सीबीआई के अनुसार, यस बैंक के प्रमोटर राणा कपूर ने डीएचएफएल के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन के साथ यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता देने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। बदले में, कपूर और उनके परिवार को पर्याप्त अनुचित लाभ मिलना था।

जबकि भोसले की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने कहा था कि राणा कपूर के जरिए यस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) को 3,983 करोड़ रुपये का वितरण किया था, जो अपराध से अर्जित आय थी। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, इस घोटाले ने अप्रैल से जून, 2018 के बीच आकार लेना शुरू कर दिया था, जब येस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

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