ग्वालियर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जल्द ही ग्वालियर आने वाले हैं। नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने के बाद यह उनका पहला ग्वालियर दौरा होगा। ग्वालियर के शाही खानदान के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया का आलीशान महल है। जयविलास पैलेस नाम का यह महल 40 एकड़ में फैला हुआ है। सिंधिया घराने की समृद्धि और विलासिता का अंदाजा ग्वालियर स्थित जयविलास पैलेस की भव्यता से चलता है। 4000 करोड़ की अनुमानित कीमत वाले इस महल में 400 कमरे हैं। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में कुल 340 कमरे हैं।
देखते ही बनती है महल की भव्यता
जयविलास पैलेस का निर्माण 1874 में शुरू हुआ था। तब जयाजीराव सिंधिया महाराज हुआ करते थे। महल का डिजाइन ब्रिटेन के सर माइकल फिलोस ने तैयार किया था। कहा जाता है कि इस विशाल महल को प्रिंस जॉर्ज और प्रिंसेस मैरी के स्वागत में बनाया गया था, जो 1876 में भारत आए थे।
महल की सीलिंग में 560 किलो सोना
जयविलास पैलेस में 400 कमरे हैं। महल की सीलिंग पर भी सोने जड़े हुए हैं। तीन मंजिले महल की अंदरूनी सजावट में 560 किलोग्राम सोना जड़ा हुआ है। इसके 40 कमरों को अब म्यूजियम बना दिया गया है। म्यूजियम में कई ऐसी चीजें रखी हैं सिंधिया राजवंश की समृद्धि को दर्शाती हैं। साथ ही, ये ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। इनमें चांदी की बग्गी, झांसी की रानी की छतरी, मुगल बादशाह औरंगजेब और शाह आलम के जमाने की तलवारें और विंटेज कार शामिल हैं।
10 हाथियों को चढ़ा कर जांची गई थी छत की मजबूती
महल की सीलिंग से दो झूमर लटके हुए हैं जिनका वजन 3500 किलोग्राम है। इन झूमरों को बेल्जियम के कलाकारों ने तैयार किया था। कहा जाता है कि झूमरों को सीलिंग में लगाने से पहले छत पर 10 हाथियों को चढ़ाया गया था। ऐसा यह पता लगाने के लिए किया गया था कि छत इतना वजन सहने लायक है या नहीं। करीब एक सप्ताह तक जांच की प्रक्रिया के बाद झूमरों को लगाया गया था।
खाना परोसने के लिए ट्रेन, दरबार हॉल में सजता था महाराज का दरबार
महल का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा दरबार हॉल है। महाराज का दरबार इसी हॉल में लगता था। महल का जब निर्माण हुआ था, तब इसकी अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपये थी। मौजूदा अनुमानों के मुताबिक इसकी कीमत करीब 4000 करोड़ रुपये है।
संपत्तियों को लेकर पारिवारिक विवाद
सिंधिया घराने को बेशुमार दौलत का मालिक बताया जाता है। जयविलास पैलेस के अलावा दिल्ली का सिंधिया विला, ग्वालियर हाउस आदि इसमें शामिल हैं। हालांकि, इन संपत्तियों को लेकर पारिवारिक विवाद भी है जो वर्षों से चला आ रहा है।
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