नई दिल्ली। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। अमेरिका से लेकर भारत तक संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। कई देशों में इसे लेकर प्रतिबंध फिर से लगाने की तैयारियां भी हो चुकी हैं। इस बीच एक बार फिर कोरोना का काला साया विमानन उद्योग पर दिख रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, बीते शुक्रवार से लेकर अब तक दुनियाभर में 11,500 से ज्यादा उड़ानों को रद्द किया गया है।
मंगलवार को 1100 उड़ानें की गईं रद्द
नए साल के मौके पर इस तरह से उड़ानों का रद्द होना पर्यटकों और एयरलाइंस कंपनियों दोनों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। उड़ानों पर नजर रखने वाली फ्लाइटअवेयर के मुताबिक, ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रकोप का असर दुनियाभर में पड़ रहा है। इसके मुताबिक, सोमवार को करीब 3000 उड़ानों को रद्द किया गया था, जबकि मंगलवार को 1100 और फ्लाइटों को रद्द किया गया है।
दुनियाभर में बढ़ा ओमिक्रॉन का प्रकोप
अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों की संख्या में तेज इजाफा देखने को मिल रहा है। यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका के कई राज्यों में कोरोना के मामले फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने लगे हैं। इसे बाद एहतियात के तौर पर कई उड़ानों को रद्द किया गया है। गौरतलब है कि उड़ानें ऐसे समय में रद्द की गई हैं जबकि क्रिसमस और नए साल के मौके पर दुनियाभर के सैलानी घूमने के लिए निकलते हैं। उड़ानें रद्द होने से इन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हजारों उड़ानें देरी से संचालित
दुनियाभर में उड़ानों को रद्द किए जाने के आंकड़ों को देखें तो शुक्रवार से अब तक करीब 11,500 उड़ानों को रद्द किया गया है, जबकि हजारों की संख्या में उड़ानें देरी से चल रही हैं। एयरलाइंस कंपनियों की मानें तो कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खौफ के चलते स्टाफ की कमी हो गई है, जिससे ये बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।
गौरतलब है कि पश्चिम के कई हिस्सों में संक्रमण नई ऊंचाई पर है। अमेरिका ने बड़े पैमाने पर श्रम की कमी की चिंताओं के बीच अधिक लोगों को काम पर लौटने की अनुमति दी है और सामजिक अलगाव की अवधि को 10 से पांच दिनों तक कम कर दिया। इससे भी संक्रमण के मामलों में इजाफा हुआ है।
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