इंसान को सपने जरूर देखने चाहिए, और उन्हें पूरा करने के लिए मेहनत उससे भी ज्यादा करनी चाहिए। ऐसी बहुत सी मिसालें देखने को मिलती है जिसमें लोग आर्थिक दिक्कतें होने के बाद भी शिखर तक पहुंचते हैं। कुछ ऐसा ही एक आटो ड्राइवर (auto driver) के बेटे ने साबित करके दिखा दिया है। गोपीनाध इंडियन एयरफोर्स (Gopinadh Indian Airforce) में फ्लाइंग आफिसर बन गए हैं। विजाग में रहने वाले गोपीनाध ने हैदाराबाद में हुई सैरेमनी में फ्लाइंग आफिसर की डिग्री हासिल की।
25 वर्षों से पिता चल रहा हैं ऑटो
जानकारी के मुताबिक, गोपीनाध ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। उनके पिता ने 25 वर्षों तक ऑटो चलाकर ही परिवार की जरूरतों को पूरा किया है। आटो चलाने से घर का खर्च और बच्चों की पढ़ाई कराना मुश्किल होता है। लेकिन बावजूद इसके पिता ने हिम्मत नहीं हारते हुए अपने बच्चों को अच्छी एजुकेशन दिलवाई। उन्हें और उनकी बहन को पढ़ाया।
गोपीनाध कहते हैं, ‘मेरे माता-पिता ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है अब मैं उनके लिए कुछ करना चाहता हूं।’
पिता चाहते थे इंजीनियर बनें
हालांकि उनके पिता चाहते थे कि गोपीनाध इंजीनियर बने लेकिन उन्होंने अपने दादा की तरह से फोर्स में जाने की ठानी। उनके दादा इंडियन आर्मी में कार्यरत थे। सबसे खास बात तो यह है कि गोपीनाध तेलगु स्टेट से चुने गए इकलौते कैंडिडेट हैं।
सपने को किया पूरा
पहले वो एयरफोर्स में बतौर एयरमैन ज्वाइन हुए थे। लेकिन उनका सपना फ्लाइंग आफिसर बनने का था। वो डिस्टेंस से पढ़ाई भी करते रहे, काम भी करते रहे और अपने सपने को पूरे करने की तैयारी भी करते रहे।
वह इस साल इंडियन फ्लाइंग आफिसर के रूप में सेलेक्ट हुए हैं। गोपीनाध ने बताया कि उन्हें पता था कि उनके पिता के पास पैसा नहीं है। वह काफी मेहनत करके परिवार का गुजारा करते है। ऐसे में उन्होंने केवल पढ़ाई में ही ध्यान दिया।
बहन को था विश्वास
गोपीनाध की बहन गौरी ने बताया कि उन्हें अपने भाई की काबिलियत पर विश्वास था। गौरी बताती है कि उनके भाई ने विजाग डिफेंस कालेज में दाखिला लिया था। उनको पूरा विश्वास था कि एक दिन उनका चयन फ्लाइंग आफिसर के रूप में होगा। वह कहती है कि भाई की सफलता से सबसे अधिक खुशी पिता को है। वहीं गोपीनाध का कहना है कि सपने तभी पूरी होते हैं जब हम उनको पूरा करने के लिए कदम उठाते हैं।
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