जयपुर। देश की ऑटो कंपनियां लंबे वक्त से स्क्रैपेज पॉलिसी लाने की मांग कर रही थीं। इनकी यह मांग इस बार के बजट में पूरी हो गई है। आल इंडिया स्पेयर पार्ट्स डीलर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सुरेश अग्रवाल ने बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को अपने केन्द्रीय बजट भाषण में कहा कि 15 साल पुरानी कमर्शल गाड़ियों और 20 साल पुरानी निजी गाड़ियों को कबाड़ में बदला जा सकेगा। हालांकि, यह पॉलिसी फिलहाल स्वैच्छिक होगी। यानी अगर आप स्क्रैप न करना चाहें, तो फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होगा। अभी नियम और शर्तें क्या होंगी, कितना इंसेंटिव दिया जाएगा, ये सभी बातें अलग से सड़क और परिवहन मंत्रालय जारी करेगा।
राजस्थान ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश भामोदिया ने बताया ज्यादातर ऑटो कंपनियों ने इस पॉलिसी का स्वागत किया है, लेकिन अभी पूरी पॉलिसी सामने आने का इंतजार है। हालांकि, इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोगों का यह भी मानना है कि नई कारों की बिक्री पर इसका फिलहाल ज्यादा असर नहीं होगा। अगर स्क्रैपेज गाड़ियों की उम्र कम रखी जाती और इंसेंटिव ज्यादा होता, तो लोगों में पुरानी कार को स्क्रैप करके नई कार लेने का ट्रेंड जोर पकड़ेगा। लगभग पूरी इंडस्ट्री इसे एक सकारात्मक कदम बता रही है, जिसका फायदा आगे चलकर दिखेगा।
राजस्थान ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन सचिव नरेश सिंघल ने बताया कि अगर इसके हिसाब से 1990 को आधार मानें, तो इस दायरे में करीब 37 लाख कमर्शल और 52 लाख पैसेंजर गाड़ियां आ रही हैं। अब हमें देखना यह है कि इस पॉलिसी में कितने और किस तरह के इंसेंटिव का ऐलान किया जाता है। उसके बाद यह पता लग पाएगा कि इसका कितना सकारात्मक असर पड़ने वाला है, क्योंकि लोग इंसेंटिव देखकर ही आगे आएंगे। (एजेंसी, हि.स.)
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