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    सात योजनाओं में प्राधिकरण के 794 करोड़ के प्रोजेक्ट, 5 फ्लायओवरों में मंदिरों की बाधा कायम

  • April 03, 2024

    संभागायुक्त ने मैराथन बैठक लेकर लम्बित प्रोजेक्टों की भी की समीक्षा, अतिक्रमण हटाने के साथ चल रहे निर्माण कार्यों को गति देने के दिए निर्देश

    इंदौर। संभागायुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष दीपक सिंह ने कल मैराथन बैठक लेकर टीपीएस योजनाओं के साथ फ्लायओवर, एमआर सहित अन्य प्रोजेक्टों की समीक्षा की। प्राधिकरण की ओर से पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन के जरिए बताया गया कि अभी 7 टीपीएस योजनाएं प्रचलन में हैं, जिनके विकास पर 794 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है, तो दूसरी तरफ प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवरों का निर्माण किया जा रहा है। हालांकि इनमें मंदिरों की शिफ्टिंग न होने के कारण बाधा भी कायम है। संभागायुक्त ने चल रहे प्रोजेक्टों को गति देने, योजनाओं की जमीनों पर हुए अतिक्रमणों को हटाने के साथ ही उन सम्पत्तियों की सूची बनाने के भी निर्देश दिए जिनके आने वाले दिनों में टेंडर निकालकर प्राधिकरण बेच सकता है।


    प्राधिकरण दफ्तर पहुंचे संभागायुक्त श्री सिंह का स्वागत सीईओ आरपी अहिरवार ने किया। इस मौके पर प्राधिकरण के अन्य अधिकारी, इंजीनियर भी मौजूद रहे और उसके बाद प्राधिकरण की सम्पूर्ण योजनाओं, टीपीएस से लेकर तमाम प्रोजेक्टों की समीक्षा की गई। यह भी उल्लेखनीय है कि संभागायुक्त श्री सिंह पूर्व में प्राधिकरण के सीईओ भी रह चुके हैं। लिहाजा उन्हें प्राधिकरण की कार्यप्रणाली के साथ-साथ तमाम प्रोजेक्टों की बखूबी जानकारी भी है। प्रजेंटेशन के जरिए प्राधिकरण अध्यक्ष को बताया गया कि वर्तमान में 7 टीपीएस योजनाएं प्रचलन में हैं, जिनमें से टीपीएस-4 पर फिलहाल हाईकोर्ट का स्टे चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ टीपीएस-1 में 48 हेक्टेयर से अधिक जमीन शामिल है, तो टीपीएस-3 में 143, 5 में 150, टीपीएस-8 में 279, टीपीएस-9 में259 और टीपीएस-10 में 210 हेक्टेयर जमीनों पर प्राधिकरण काम कर रहा है। इनमें सडक़ ड्रैनेज सहित अन्य निर्माण कार्यों की भी पूर्व में बोर्ड बैठकों में प्रशासकीय मंजूरी ली जा चुकी है और लगभग 794 करोड़ रुपए के काम किए जाना है। वहीं इन योजनाओं में लगभग 8 किलोमीटर लम्बाई की मास्टर प्लान की सडक़ें भी प्राधिकरण बना रहा है और चल रहे ये निर्माण कार्य मार्च, जून और दिसम्बर 2026 तक पूरे कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी तरह प्राधिकरण द्वारा खजराना चौराहा, भंवरकुआ, संत सेवालाल, लवकुश चौराहा पर लेवल वन और लेबल टू फ्लायओवरों का निर्माण किया जा रहा है। मगर इनमें खजराना चौराहा फ्लायओवर पर मंदिर की शिफ्टिंग होना है, तो इसी तरह की बाधा भंवरकुआ, संत सेवालाल सहित लवकुश चौराहा लेवल-1 में फिलहाल कायम है। इसी तरह मास्टर प्लान की 45 मीटर चौड़ी सडक़ पर भी कांकड़ पर बस्ती बसी है उसे हटाने के लिए कलेक्टर सहित निगमायुक्त को पत्र लिखे गए हैं। इसी तरह टीपीएस-9 की कुछ जमीनें संभागायुक्त भोपाल द्वारा मुक्त की गई और कई हिस्सों में हाईकोर्ट से भी स्टे मिलने के कारण सडक़ निर्माण प्रभावित हो रहा है। इसी योजना में जिला उद्योग केन्द्र द्वारा भूखंड पूर्व आबंटन किया गया था। उससे भी सडक़ निर्माण की बाधा कायम है, तो 200 से अधिक कच्चे-पक्के मकान की भी एक बस्ती भी आ रही है, लिहाजा संभागायुक्त ने इस तरह की सभी बाधाओं को दूर करने, चल रहे कार्यों को गति देने के निर्देश दिए। वहीं टीपीएस-8 में योजना में बटांकन नहीं होने से कई किसानों को मिलाकर एक ही भूखंड आबंटित किया गया, जिससे वे असंतुष्ट हैं और कार्य नहीं करने दे रहे हैं। ग्राम भांग्या और शकरखेड़ी में सडक़एलाइनमेंट में ईंट भट्टे निर्माण में बाधक हैं, जिन्हें हटाया जाना है, तो टीपीएस-3 में रविदास बस्ती बाधक बनी है।

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