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    1 हजार अनबिकी सम्पत्तियों के लिए प्रापर्टी ब्रोकरों की मदद लेगा प्राधिकरण

  • December 26, 2022

    • पीपल्याहाना ओवरब्रिज के नीचे बने चार प्ले झोन के लिए ठेके की शर्तों में करना पड़ा संशोधन, कमेटी भी बनाई

    इंदौर। प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में जहां कई विकास कार्यों को मंजूरी दी गई, वहीं एक निर्णय यह भी लिया गया कि जो अनबिकी सम्पत्तियां, खासकर एक हजार से अधिक फ्लेट हैं उन्हें बेचने के लिए अब प्रॉपर्टी ब्रोकरों की मदद भी ली जाए और उन्हें तय किया गया कमीशन दें। पिपल्याहाना ओवरब्रिज के नीचे बने चार प्ले झोन को भी ठेके पर दिया जाएगा। उसकी भी कई टेंडर शर्तों में संशोधन कर ढिलाई देना पड़ी, ताकि कोई निजी फर्म संचालन के लिए मिल सके। अभी जो टेंडर बुलाए उसमें प्राधिकरण ने कई जटील शर्तें रख दी, जिसके चलते कोई भी इस तरह की एजेंसी नहीं मिली और नतीजतन तैयार पड़े ये प्ले झोन इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहे हैं। योजना 140 के भूखंडों के लिए भी कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया है।

    प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा ने बताया कि टीपीएस के तहत विकास कार्यों को अब तेज गति से कराया जाएगा। अभी बोर्ड बैठक में 300 करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों को मंजूरी दी गई है। वहीं बॉम्बे हॉस्पिटल से तुलसी नगर तक बनाई जा रही रोड को भी आगे बढ़ाते हुए एडवांस एकेडमी तक निर्मित किया जाएगा। टीपीएस-3 के तहत 30 मीटर चौड़ी सडक़ के लिए भी 8 करोड़ रुपए के टेंडर को मंजूरी दी गई है, तो योजना में शामिल अन्य सडक़ों के भी 21 करोड़ के टेंडर मंजूर किए गए हैं। मेडिकल हब में भी 24 करोड़ रुपए की लागत से कई तरह के विकास कार्य किए जा रहे हैं। वहीं फूटी कोठी चौराहा पर फ्लायओवर बनाने के लिए जो टेंडर आए उनमें से 48.89 करोड़ का प्रकाश अस्फॉल्टिंग एंड टोल हाईवे के टेंडर को मंजूरी दी गई है। योजना 140 में जिन भूखंडों पर टेंडर आए थे उन पर कोई निर्णय नहीं हो पाया था, क्योंकि कोर्ट ने भी टेंडरों की मंजूरी पर रोक लगाई थी।


    अब इन पर निर्णय के लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है, जो आर्थिक के साथ-साथ कानूनी परीक्षण भी करेगी। वहीं प्राधिकरण की जो अनबिकी सम्पत्तियां हैं उनके लिए निजी ब्रोकर, कंसल्टेंट की मदद भी ली जाएगी। दरअसल गुलमोहर कॉम्प्लेक्स में ही प्राधिकरण के 835 फ्लेट अनबिके पड़े हैं, तो इसी तरह वसुंधरा कॉम्प्लेक्स में भी कई फ्लेट बचे हैं। हालांकि प्राधिकरण की योजना 140 के आनंद वन में तो फ्लेटों की बुकिंग लगातार अच्छी रही है और यहां के तो अधिकांश फ्लेट बिक भी गए। मगर कुछ अन्य योजनाओं में बने फ्लेट, डुप्लेक्स अनबिके पड़े हैं, जिसके चलते प्राधिकरण को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। लिहाजा ब्रोकर और कंसल्टेंट के जरिए इन फ्लेटों को बेचने के प्रयास किए जाएंगे और बदले में निर्धारित कमीशन की राशि दी जाएगी। जिस तरह निजी प्रोजेक्टों में ब्रोकर-कंसल्टेंट मदद करते हैं उसी तरह अब प्राधिकरण भी इस तरह का प्रयोग करेगा। दूसरी तरफ प्राधिकरण बोर्ड ने योजना 78 प्रथम फेज-2 औद्योगिक में 18 भूखंडों में से 10 भूखंडों के मिले टेंडरों को भी मंजूर किया है।

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