इंदौर। कांग्रेस द्वारा बारिश में हो रही परेशानियों के चलते निगम की भाजपा परिषद् पर निशाना साधा जा रहा है, तो दूसरी तरफ भाजपा द्वारा स्वच्छता से लेकर इंदौर नगर निगम द्वारा बीते वर्षों में जो उपलब्धियां हासिल की उसे जनता तक पहुंचाया जा रहा है, तो इंदौर विकास प्राधिकरण भी बीते 20-22 सालों में इंदौर में जो विकास कार्यों की सौगात दी उसका बखान करेगा। मुख्य रूप से सुपर कॉरिडोर का निर्माण, एमआर-10 सहित प्रमुख सडक़ों, ओवरब्रिजों के निर्माण के अलावा आईएसबीटी, लॉटरी के जरिए बांटे गए सस्ते भूखंड, गरीबों के लिए बनवाए मकानों से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पुल, ऑडिटोरियम सहित रीजनल पार्क, प्रशासनिक संकुल, बीआरटीएस कॉरिडोर सहित तमाम उपलब्धियों का ब्यौरा अध्यक्ष द्वारा तैयार करवाया जा रहा है।
इंदौर नगर निगम में बीते 20 सालों से तो निगम की परिषद काबिज रही और अभी के दो साल प्रशासक काल रहे, क्योंकि कोरोना के चलते निगम चुनाव नहीं कराए जा सके थे। भाजपा के ही चार महापौर लगातार पार्षद रहे और अधिकांश वार्ड पार्षद चुनाव जीतते रहे। पहले 69 वार्ड थे, जो बाद में बढक़र अब 85 वार्ड हो गए हैं। जनता ने सीधा महापौर का चुनाव 20 साल पहले किया, जब कैलाश विजयवर्गीय शहर के प्रथम नागरिक बने और बॉण्ड सडक़ों से लेकर कई विकास कार्यों की शुरुआत हुई। उसके बाद उमाशशि शर्मा, कृष्णमुरारी मोघे और मालिनी गौड़ का कार्यकाल रहा। सबसे सफल महापौर मालिनी गौड़ ही कहलाईं, क्योंकि उनके कार्यकाल में इंदौर लगातार देश में स्वच्छता के मामले में नम्बर वन आता रहा। वहीं स्मार्ट सिटी से लेकर अन्य विकास कार्य भी हुए। दूसरी तरफ इंदौर विकास प्राधिकरण में भी इन बीते 20-22 सालों में अधिकांश समय भाजपा का राजनीतिक बोर्ड काबिज रहा।
पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा के कार्यकाल में रीजनल पार्क, प्रशासनिक संकुल, सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 सहित ओवरब्रिजों की सौगातें मिली, तो वहीं बाद में भी यह सिलसिला चलता रहा। वर्तमान प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा ने भी 11 ओवरब्रिजों के निर्माण की योजना तैयार करवाई है, जिनमें से तीन ओवरब्रिजों के टेंडर की प्रक्रिया चल रही है, तो दूसरी तरफ कुमेर्डी और नायतामूंडला में आईएसबीटी का निर्माण भी पूर्णता की ओर है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के स्वीमिंग पुल से लेकर टीपीएस के तहत नई योजनाएं विकसित की जा रही है। अभी निगम चुनाव के मद्देनजर प्राधिकरण अध्यक्ष भी विकास कार्यों का लेखा-जोखा तैयार करवाकर जनता तक पहुंचाएंगे। प्राधिकरण ने बीते वर्षों में लगभग 500 करोड़ रुपए तक के विकास कार्य तो करवा ही दिए हैं।
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