इंदौर। प्राधिकरण द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों के लिए जॉब वर्क भी शुरू किए गए हैं, जिसके बदले उसे 3 से लेकर 5 फीसदी तक सुपर विजन चार्ज मिलता है। अभी नेशनल हाईवे के लिए प्राधिकरण बायपास पर दोनों तरफ रैलिंग लगवा रहा है, तो वहीं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने भी अपनी 10 बिल्डिंगों को बनाने का जिम्मा प्राधिकरण को सौंपा है। 150 करोड़ रुपए की लागत से ये बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स विश्वविद्यालय की खंडवा रोड स्थित लगभग 5 लाख स्क्वेयर फीट जमीन के अलावा आरएनटी मार्ग में भी निर्मित होगी और इसके बदले 3 फीसदी सुपर विजन चार्ज प्राधिकरण को मिलेगा।
इस आशय का बोर्ड प्रस्ताव पूर्व में मंजूर भी किया जा चुका है। वहीं अभी कल प्राधिकरण बोर्ड की ताबड़तोड़ बैठक जो बुलाई गई थी वह ऐन वक्त पर निरस्त कर दी गई। इसके पीछे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होना बताया गया। हालांकि बोर्ड मीटिंग के लिए कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी प्राधिकरण दफ्तर पहुंच गए थे। मगर बाद में संभागायुक्त ने बोर्ड मीटिंग निरस्त कर अब उसे 6 मार्च को आयोजित करने की बात कही है। दूसरी तरफ प्राधिकरण को विश्वविद्यालय के लिए बिल्डिंगें बनाने का काम भी मिला है, जिसमें 150 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा रही है। प्राधिकरण के प्रभारी सीईओ गौरव बेनल ने बताया कि इस संबंध में अगली बोर्ड बैठक में इन प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाना है। शैक्षणिक, आवासीय और अन्य गतिविधियों के लिए विश्वविद्यालय ये बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स तैयार करवा रहा है।
पिछले दिनों विश्वविद्यालय ने इन सभी कामों के लिए मंजूरी भी दे दी है। इसमें एक 300 की बैठक क्षमता वाला ऑडिटोरियम भी निर्मित होगा। वहीं लगभग 25 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर विश्वविद्यालय स्टाफ के लिए रहवासी कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। साथ ही आरएनटी मार्ग पर जो विश्वविद्यालय का पुराना कैम्पस है वहां पर भी नया प्रशासनिक भवन लगभग 14 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर बनेगा और 300 किलो लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी इन बिल्डिंगों के लिए स्थापित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के पास खंडवा रोड पर ही विशाल जमीन मौजूद है, जहां उसकी कुछ बिल्डिंगें पहले से बनी है। वहीं अब आवश्यकता पडऩे पर नई बिल्डिंगों का निर्माण भी कराया जा रहा है। लगभग 5 लाख स्क्वेयर फीट खंडवा रोड की जमीनों पर ये बिल्डिंगें बनेंगी, जिसमें अलग-अलग विभागों के लिए निर्मित क्षेत्र उपलब्ध हो सकेगा। आईआईएमएस के अलावा स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, सोशल साइंस सहित अन्य विवि से जुड़े महकमों के लिए ये बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स निर्मित किए जाएंगे। इसके बदले प्राधिकरण को 3 फीसदी सुपर विजन चार्ज मिलेगा।
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