लैंड पुलिंग एक्ट की धारा में भी पहले से ही है प्रावधान, मगर अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान… सडक़, ओवरब्रिज सहित अन्य रुके काम फिर होंगे शुरू
इंदौर। पिछले दिनों अग्निबाण ने ही खुलासा किया था कि महालक्ष्मी नगर (Mahalaxmi Nagar) से तुलसी नगर (Tulsi Nagar) तक की सडक़ का काम खटाई में पड़ गया, क्योंकि शासन ने गैर योजना मद में अनुमति ही नहीं दी। लेकिन अब पता चला कि लैंड पुलिंग एक्ट (Land Pulling Act) में पहले से ही इस बात का प्रावधान किया गया है, लेेकिन अधिकारियों ने इसे देखा ही नहीं। लिहाजा अब शासन से नए आदेश आ रहे हैं, जिसके चलते प्राधिकरण गैर योजना मद (Non-Planning Item) में विकास कार्य पहले की तरह कर सकेगा। सडक़, ओवरब्रिजों (Overbridges) के निर्माण (Construction) से लेकर केबल कार्य सहित अन्य प्रोजेक्ट आने वाले दिनों में फिर गति पकड़ेंगे और रूकी हुई सडक़ का भी निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा, जिसका भूमिपूजन भी प्राधिकरण (Authority) कर चुका है। 6.7 करोड़ की बोर्ड मंजूरी भी प्राधिकरण से हो गई। अब यह सडक़ जल्द ही बन जाएगी, जिससे क्षेत्र के रहवासियों ने खुशी भी जाहिर की है।
अभी 24 जुलाई को ही मंत्री तुलसीराम सिलावट(Minister Tulsiram Silavat) , सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani), विधायक महेन्द्र हार्डिया (MLA Mahendra Hardia) के साथ प्राधिकरण अध्यक्ष और संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा, सीईओ विवेक श्रोत्रिय की मौजूदगी में सडक़ निर्माण का भूमिपूजन भी हुआ। महालक्ष्मी नगर से तुलसी नगर तक सडक़ का चौड़ीकरण किया जाना है। हालांकि उसके आगे भी 100 फीट चौड़ी ही सडक़ है, जो बॉटलनेक (Bottleneck) के रूप में मौजूद है, उसका निर्माण फिलहाल नहीं किया जा रहा है। लेकिन इस सडक़ का भी निर्माण शासन से आए पत्र के बाद प्राधिकरण को रोकना पड़ा था। मगर अब यह स्पष्ट हो गया कि नगर तथा ग्राम निवेश की जिस धारा 49-9 को समाप्त किया गया है, उसकी बजाय जो नया लैंड पुलिंग एक्ट लागू हुआ उसमें धारा 49-2-डी का प्रावधान किया गया है। यानी इस धारा के मुताबिक प्राधिकरण पहले की तरह गैर योजना मद में विकास कार्य कर सकता है। अब इस संबंध में शासन को भी प्राधिकरण ने पत्र भेज दिया है और अगले हफ्ते भोपाल से नया स्वीकृति का पत्र प्राधिकरण को प्राप्त हो जाएगा। जिसके बाद सडक़ का निर्माण कार्य भी जल्द शुरू होगा। वैसे भी इंदौर विकास प्राधिकरण ही मास्टर प्लान की क्रियान्वयन एजेंसी है, लिहाजा मास्टर प्लान के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण सडक़ों के निर्माण की जिम्मेदारी प्राधिकरण पर ही है और अभी वह 10 से अधिक ओवरब्रिज भी बनवाना चाहता है, जिसके लिए फिजिबिलिटी सर्वे भी शुरू करवाना है और केबल कार सहित अन्य प्रोजेक्ट भी हैं, जो फिलहाल शासन निर्देश के चलते ठंडे बस्ते में चले गए थे। मगर अब नए प्रावधान का खुलासा होने के बाद मास्टर प्लान की सडक़, ओवरब्रिज (Overbridge ), केबल कार सहित अन्य प्रोजेक्ट भी फिर से पटरी पर आएंगे। वैसे भी महालक्ष्मी नगर से तुलसी नगर के निर्माण की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने की और इसके लिए प्राधिकरण बोर्ड ने पिछले दिनों अपनी बैठक में 6.7 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति भी दे दी।
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