जमीनों में चल रही तेजी का मिला फायदा… 3 लाख स्क्वेयर फीट है भूखंडों का क्षेत्रफल… यूनिवर्सिटी और होटल संचालक ने भरे अधिक दरों पर टेंडर
इंदौर। जमीनों (Lands) के कारोबार (Business) में इन दिनों अच्छी-खासी तेजी चल रही है। धड़ाधड़ चारों तरफ कालोनियां (Colonies) कट रही है। इसका फायदा सबसे बड़े कालोनाइजर (Colonizer) इंदौर विकास प्राधिकरण ( Indore Development Authority) को भी मिल रहा है। सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) पर उसके दो भूखंड ही 77 करोड़ रुपए में बिक गए हैं। कल प्राधिकरण को सुपर कॉरिडोर की योजना 151 में 5 टेंडर प्राप्त हुए, जो दो भूखंडों के लिए आए। इनमें एक भूखंड लगभग सवा लाभ स्क्वेयर फीट का और दूसरा भूखंड पौने 2 लाख स्क्वेयर फीट का है। तीन लाख स्क्वेयर फीट के इन दोनों भूखंडों से प्राधिकरण को 77 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्राप्त होगी। एक भूखंड यूनिवर्सिटी, तो दूसरा होटल संचालक (Hotel Operator) ने ऊंची दरों पर भरे टेंडर के जरिए हासिल किया है। हालांकि अभी टेंडर समिति से अनुमोदन पश्चात बोर्ड द्वारा भी मंजूरी लेना होगी। उसके पश्चात ही प्राधिकरण (Authority) इन भूखंडों के लिए आबंटन-पत्र जारी करेगा। पिछले दिनों प्राधिकरण (Authority) ने अपनी कई सम्पत्तियों के टेंडर बुलाए भी थे।
प्राधिकरण (Authority) के पास सुपर कॉरिडोर के अलावा अपनी विभिन्न योजनाओं में कई बेशकीमती सम्पत्तियां पड़ी है। लगभग 3 हजार करोड़ रुपए मूल्य की प्रॉपर्टी प्राधिकरण के पास अभी विक्रय योग्य बची है। हालांकि बीते कई वर्षों से नई योजनाओं का क्रियान्वयन प्राधिकरण (Authority) नहीं कर पाया और नए भूमि अधिग्रहण कानून के चलते भी जमीनों का अधिग्रहण अब मुश्किल हो गया है और लैंड पुलिंग एक्ट (Land Pulling Act) के तहत ही अब योजनाएं बनाई जा सकती है, जिसमें आधी जमीन उनके मालिकों को देना पड़ेगी। अभी प्राधिकरण (Authority) के पास योजना 140 के अलावा सुपर कॉरिडोर पर भी आगे की तरफ लगे हुए बड़े-बड़े भूखंड उपलब्ध हैं। पिछले दिनों प्राधिकरण ने सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) की योजना 151 के भूखंड क्र. 6-ए के साथ ही भूखंड क्रमांक 22-सी के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे। इसमें भूखंड क्र. 22-सी का क्षेत्रफल 12457 वर्गमीटर यानी लगभग सवा लाख स्क्वेयर फीट होता है, के लिए तीन टेंडर प्राप्त हुए। दीपेश खंडेलवाल, अज्ञा स्टील एंड एलॉय के अलावा तीसरा टेंडर ओशियन होटल एंड इंटरटेनमेंट का अधिक दरों का प्राप्त हुआ। 28 हजार रुपए स्क्वेयर फीट से अधिक की दर से इस भूखंड की कीमत 35 करोड़ रुपए से अधिक होती है। इसी तरह एक अन्य भूखंड 6-ए, जिसका क्षेत्रफल 17423 वर्गमीटर यानी लगभग पौने 2 लाख स्क्वेयर फीट होता है। इसके लिए दो टेंडर प्राधिकरण को प्राप्त हुए। एक टेंडर ग्रेट गेलन वेंचर लिमिटेड (Great Galen Venture Limited) का मिला, जबकि दूसरा ऊँची दर पर देवी शकुंतला ठकराल चैरिटेबल फाउण्डेशन (Devi Shakuntala Thakral Charitable Foundation) का प्राप्त हुआ। 24360 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से इस भूखंड की कीमत 42 करोड़ 35 लाख रुपए से अधिक होती है। ठकराल समूह की इंदौर में युनिवर्सिटी भी है। प्राधिकरण (Authority) का कहना है कि इन दोनों भूखंडों से उसे 77 करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्राप्त होगी, जिससे शहर के विकास कार्यों में मदद मिलेगी, क्योंकि प्राधिकरण (Authority) मास्टर प्लान की सडक़ों, अपने एमआर के अलावा फ्लायओवर सहित अन्य प्रोजेक्टों पर काम कर रहा है। इन दिनों जमीनी कारोबार में तेजी चल रही है और कई फर्में और बड़े निवेशक प्राधिकरण (Authority) की सम्पत्तियों में भी पैसा लगा रहे हैं। सुपर कॉरिडोर के अलावा प्राधिकरण को योजना 140 में भी गाइडलाइन और अपनी स्वीकृत दर से अधिक दरों पर ही टेंडर प्राप्त हुए हैं।
हाईकोर्ट ने पूछा – 30 फीसदी का जादुई आंकड़ा कहां से लाए
पिछले दिनों प्राधिकरण बोर्ड (Authority Board) ने योजना 140 आनंद वन फेज-2 की दो बड़ी दुकानों के टेंडर बिना किसी कारण से एकाएक निरस्त कर दिए, जिसके चलते आकाश शर्मा और आदित्य जैन ने हाईकोर्ट की शरण ली, जिस पर अभी हाईकोर्ट ने प्राधिकरण द्वारा फिर से बुलवाए गए इन दुकानों के टेंडर को खोलने पर रोक लगा दी और आठ दिन में प्राधिकरण से जवाब मांगा कि किन कारणों के चलते ये टेंडर निरस्त किए गए..? इसमें प्राधिकरण (Authority) ने जो नए टेंडर बुलाए उसमें 30 फीसदी दरें बढ़ाने का भी फार्मूला निकाला, जिस पर हाईकोर्ट ने आश्चर्यचकित होकर यह भी पूछा कि आखिर प्राधिकरण (Authority) निविदाओं को निरस्त कर 30 प्रतिशत अधिक दर के नए टेंडर बुलाने का जादुई फार्मूला कहां से लाया..? हाईकोर्ट की डबल बेंच ने नोटिस जारी करते हुए 10 अगस्त को बुलाए गए प्राधिकरण के टेंडरों को स्टे कर दिया है।
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