इन्दौर (Indore)। आम लोगों की समस्या के लिए हाईटेक होते प्राधिकरण ने अब लीज की समस्याओं से जूझते लोगों को धक्के नहीं खाना पड़ेंगे, वहीं अपनी स्वयं की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए प्राधिकरण ने फाइलें ट्रेकिंग व्यवस्था भी की है, ताकि ज्यादा समय तक किसी भी अधिकारी की टेबल पर फाइल पेंडिंग ना रहे। प्राधिकरण की इस पहल की सराहना करते हुए पिछले दिनों इन्दौर आए प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने दोनों ही व्यवस्थाओं का शुभारंभ भी किया।
इन्दौर विकास प्राधिकरण के सीईओ अहिरवार ने बताया कि प्राधिकरण कई सम्पत्तियां लीज पर हैं, जिसके नवीनीकरण से लेकर नाम परिवर्तन आदि के लिए आवेदक कई दिनों तक परेशान होते रहते हैं। उनकी इस परेशानी को दूर करने के लिए प्राधिकरण में अब लीज आवेदन ऑनलाइन स्वीकारे जाएंगे। कोई भी आवेदक घर बैठे लीज नवीनीकरण का आवेदन कर सकता है, वहीं नाम परिवर्तन के लिए भी इस सुविधा का लाभ उठा सकता है। आवेदक जैसे ही ऑनलाइन आवेदन करेगा, उसी दिन से उसके कार्य की समयावधि शुरू हो जाएगी और उसका आवेदन भी ऑनलाइन स्वीकृत हो जाएगा।
यदि प्राधिकरण को आवेदन के संदर्भ में किसी जानकारी की आवश्यकता होगी तो वह भी ऑनलाइन ही मांगी जाएगी और उसकी पूर्ति आवेदक ऑनलाइन ही कर सकेगा। इस सुविधा से लीज प्रकरणों का निराकरण तो समयावधि में हो जाएगा, वहीं प्राधिकरण में लंबित प्रकरणों का बोझ भी घटेगा। तीन दिन पूर्व इन्दौर आए प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने प्राधिकरण की इस नई व्यवस्था का शुभारंभ करते हुए अधिकारियों को बधाइयां दीं। इसके साथ प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा एवं मुख्य अभियंता आर.पी. अहिरवार ने कार्यप्रणाली में मुस्तैदी के लिए फाइल टे्रकिंग की नई व्यवस्था भी शुरू की है, जिसके तहत हर व्यक्ति के पास आने-जाने वाली फाइलों का ब्योरा होगा। इस ट्रेकिंग से यह पता चल सकेगा कि किस अधिकारी के पास कितने समय से कितने प्रकरण लंबित हैं। इस व्यवस्था से जहां प्राधिकरण की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, वहीं अधिकारियों में प्रकरण निपटान की प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी। सीईओ अहिरवार ने बताया कि यह साफ्टवेयर उन्होंने इन्दौर में ही तैयार करवाया है। प्राधिकरण के इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए प्रमुख सचिव मंडलोई ने इसे प्रदेश के सभी कार्यालयों में स्थापित करने का सुझाव दिया।
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