बायपास के पूर्वी क्षेत्र में टीपीएस-9 और सुपर कॉरिडोर पर टीपीएस-10 के नाम से धारा 50 (1) में योजना घोषित करने का प्राधिकरण बोर्ड का संकल्प पारित… शासन को मंजूरी के लिए भेजेंगे
इंदौर। लैंड पुलिंग एक्ट (Land Pulling Act) के तहत नए सिरे से प्राधिकरण (Authority) को अपनी योजनाएं घोषित करना पड़ रही है। नतीजतन पूर्व में 1 से लेकर 5 के अलावा टीपीएस-8 (TPS-8) को घोषित किया जा चुका है। वहीं अब पश्चिमी बायपास (Western Bypass) की 261 हेक्टेयर यानी 650 एकड़ पर टीपीएस-9 और सुपर कॉरिडोर पर 224 हेेक्टेयर यानी 750 एकड़ जमीन पर टीपीएस-10 नई योजनाएं घोषित की गई है। इन दोनों योजनाओं में लगभग 1200 एकड़ जमीनें शामिल की गई हैं। प्राधिकरण बोर्ड ने संकल्प पारित करते हुए मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश (संशोधन) अधिनियम 2019 की धारा 50 (1) के तहत इन योजनाओं को घोषित करते हुए अब संचालक नगर तथा ग्राम निवेश और राज्य शासन को मंजूरी के लिए भेजी जाएगी।
पूर्व में बायपास (Bypass) पर योजना टीपीएस-6 लागू की गई थी, जिसकी मंजूरी शासन ने 8 माह तक रोके रखी। नतीजतन योजना लैप्स हो गई और इसमें छोड़ी जाने वाली जमीन को लेकर अग्निबाण ने खुलासा भी किया, जिसके चलते गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनों की जांच भी प्रशासन ने शुरू कर दी और अब शेष पश्चिमी क्षेत्र की जमीनों को छोडक़र पूर्वी बायपास पर नई योजना घोषित की गई है। ग्राम भिचौली हब्सी, कनाडिय़ा और टिगरियाराओ की 261 हेक्टेयर पर अब प्राधिकरण ने टीपीएस-9 योजना प्रस्तावित की है और पश्चिमी क्षेत्र में शासन से अनुमति ना मिलने के कारण जमीनें छोड़ी जा रही है। उल्लेखनीय है कि पहले प्राधिकरण ने बायपास के दोनों तरफ टीपीएस-6 योजना घोषित की थी, जिसे शासन ने मंजूरी नहीं दी और समय सीमा निकलने के कारण यह योजना लैप्स हो गई। अब नई योजना में शामिल निजी जमीन मालिकों को लैंड पुलिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत 50 फीसदी अविकसित जमीन वापस लौटा दी जाएगी और शेष 50 फीसदी जमीन में प्राधिकरण सडक़ों और ग्रीन बेल्ट के अलावा भूखंडों को विकसित कर बेचेगा।
नहीं छूटेगी गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें
अग्निबाण ने छोड़ी जा रही जमीनों में गृह निर्माण संस्थाओं (House Building Institutions) की जमीनों का भी भंडाफोड़ किया था। संघवी-दीपक मद्दे सहित अन्य भूमाफियाओं ने संस्था की जमीनों को हथिया लिया, जिसमें करतार नगर, पाश्र्वनाथ, पृथ्वी गृह निर्माण, जनसेवा गृह निर्माण, अमित प्रिया, दीप ज्योति, हिमालया गृह निर्माण, सुमंगला, श्याम बिहारी, सोनाली गृह निर्माण जैसी संस्थाओं की जमीनें शामिल है। अब प्राधिकरण इन जमीनों पर एनओसी बिना सहकारिता विभाग की अनुमति नहीं देगा।
75 एकड़ 15 अलग-अलग टुकड़ों की जमीन छूटी
प्राधिकरण बोर्ड ने जो संकल्प पश्चिमी क्षेत्र की जमीनों को छोडऩे के संबंध में मंजूर किया है उसमें कहा गया कि 28 हेक्टेयर जमीन 15 अलग-अलग टुकड़ों में मौजूद है। इनमें हालांकि गृह निर्माण संस्थाओं की जमीनें भी शामिल है, जो सदस्यों की वरीयता सूची जांचने और सहकारिता विभाग की एनओसी के बाद ही प्राधिकरण उन जमीनों पर एनओसी देने का निर्णय लेगा। 28 हेक्टेयर छोड़ी जमीन एक साथ उपलब्ध ना होने पर उसका नियोजन संभव नहीं है।
एनओसी के बदले बेटरमेंट चार्ज वसूलेंगे जमीन मालिकों से
प्राधिकरण ( Authority) ने अभी बायपास के अलावा सुपर कॉरिडोर पर ग्राम बड़ा बांगड़दा, पालाखेड़ी, टिगरिया बादशाह और लिम्बोदागारी पर 224 हेक्टेयर में नई टीपीएस-10 योजना घोषित की है। वहीं टीपीएस-6 की जगह अब टीपीएस-9 योजना घोषित की है, जिसमें पश्चिमी क्षेत्र में स्थित जो 28 हेक्टेयर जमीन छोड़ी जा रही है उसके मालिकों से बेटरमेंट चार्ज की राशि वसूल करने के बाद ही एनओसी दी जाएगी। दरअसल, प्राधिकरण पश्चिमी क्षेत्र में 45 मीटर चौड़ा आरई-2 मार्ग और 45 मीटर चौड़ा भिचौली हब्सी मार्ग का निर्माण करेगा, जिसमें खर्च होने वाली राशि जमीन मालिकों से वसूल की जाएगी। पूर्व में भी प्राधिकरण ने योजना में शामिल जमीनों को छोड़ते वक्त इसी तरह की राशि जमा करवाई थी। अब इन दोनों मास्टर प्लान की सडक़ों के निर्माण के लिए कितनी राशि बेटरमेंट चार्ज के रूप में ली जाएगी यह प्राधिकरण बोर्ड अगली बैठक में तय करेगा।
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