लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of UP) योगी आदित्यनाथ (Yogi Aadityanath) ने कहा कि आमजन के लिए (For Common People) प्राधिकरण (Authorities) नई आवासीय परियोजना की कार्ययोजना (Action Plan for New Housing Project) तैयार करें (Should Prepare) । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को सहारनपुर, मीरजापुर, बांदा, बस्ती, अमरोहा और फिरोजाबाद की ‘महायोजना- 2031’ का अवलोकन किया और नियोजित विकास के लिए दिशा-निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि ईज ऑफ लिविंग पर विकास प्राधिकरणों का फोकस हो। स्थानीय शिल्पकला और परंपरागत उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टर विकसित किया जाए। प्रतिमाओं की स्थापना चौराहों के स्थान पर पार्कों में करना उचित होगा। नगरों में यातायात प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है। हमें इसके लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। टैक्सी-ऑटो स्टैंड और स्ट्रीट वेंडर ज़ोन तय होने चाहिए। महायोजना में इसके लिए स्पष्ट भूमि चिन्हित होनी चाहिए। मल्टीलेवल पार्किंग के लिए उपयुक्त स्थान निर्धारित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारनपुर ‘देवभूमि का प्रवेश द्वार’ है। विगत छह-सात वर्षों में यहां न केवल व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आई है, बल्कि बेहतर होती कनेक्टिविटी और नगरीय सुविधाओं के कारण लोग यहां स्थायी निवास भी बना रहे हैं। सहारनपुर की महायोजना में औद्योगिक-व्यावसायिक और आवासीय गतिविधियों के विकास के लिए सुनियोजित प्रावधान रखे जाएं। सीएम योगी ने कहा कि सहारनपुर में वुड कार्विंग क्लस्टर के लिए स्थान चिन्हित करें। वर्तमान में जहां काष्ठ शिल्प का हब है, उससे यह स्थान बहुत दूर न हो। लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग हब के लिए भी स्थान चिन्हित किया जाए। आमजन के लिए प्राधिकरण द्वारा नई आवासीय परियोजना की कार्ययोजना तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि मीरजापुर में मां विंध्यवासिनी के पावन धाम के सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। यहां नवस्थापित मेडिकल कॉलेज और राज्य विश्वविद्यालय को भी महायोजना में शामिल करें। भविष्य के मीरजापुर की आवश्यकताओं के दृष्टिगत मीरजापुर के विकास क्षेत्र का दायरा और बढ़ाया जाना चाहिए। बस्ती, विकास की ओर तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है। यहां चीनी मिल भी लगी है और मेडिकल कॉलेज भी स्थापित हुआ है। महायोजना-2031 के दायरे में इन्हें भी लाया जाना उचित होगा। विकास नियोजित हो और संतुलित हो, इसके लिए विशेष ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि अमरोहा के लिए पहली बार महायोजना तैयार हो रही है। यहां ढोलक, ड्रम, कॉटन रिसाइकिलिंग और बिंदी बनाने जैसी गतिविधियां परंपरा का हिस्सा हैं। इन्हें और फैसिलिटेट करने की व्यवस्था हो। बांदा में इंडस्ट्रिल कॉरिडोर प्रस्तावित है, महायोजना की सीमा कॉरिडोर तक होनी चाहिए। बुंदेलखंड एक्सप्रेस को इससे जोड़ें। हैवी ट्रैफिक से नगर का आम यातायात प्रभावित न हो, इसके लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है।
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