नई दिल्ली । विराट कोहली (Virat Kohli)अपने करियर में पांचवीं बार ऑस्ट्रेलिया के दौरे(Tours to Australia) पर जाएंगे। भारत और ऑस्ट्रेलिया (India and Australia)के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज(Five match test series) नवंबर में शुरू हो रही है। इस बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को लेकर तमाम बयान सामने आ रहे हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के एक पूर्व क्रिकेटर ने तो विराट कोहली को ही विलेन बता दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 25 टेस्ट मैच खेलने के बाद 2042 रन बना चुके विराट कोहली इस देश के खिलाफ खेलना पसंद करते हैं। एक सीरीज वे यहां कप्तान के तौर पर भी जीत चुके हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर ज्योफ डॉसन ने कुछ अटपटा बयान दिया है।
ज्योफ डॉसन ने मिड-डे से बात करते हुए कहा, “विराट कोहली जसप्रीत बुमराह के आकर्षक स्वभाव के सामने नकली विलेन की भूमिका निभाएंगे। बुमराह को फाइन लेग (ओवर करने के बाद उसी क्षेत्र में वे फील्डिंग करते हैं) पर आधा जीवन बिताने का विशेषाधिकार है, जो उन्हें दर्शकों से बातचीत करने, मुस्कान और दिल जीतने का आदर्श मौका देता है, जबकि कोहली इनफील्ड में छिपकर जोरदार अपील करेंगे, शानदार फील्डिंग करेंगे और किसी भी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी से बातचीत करने के लिए तैयार होंगे और ऐसे एक या दो खिलाड़ी होंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों को कोहली जैसे प्रतिद्वंद्वी पसंद हैं, अगर वह विरोधी की भूमिका निभाते हैं तो वे उन्हें कुछ परेशान कर सकते हैं, लेकिन आप गारंटी दे सकते हैं कि अगर वह 50 और 100 रन बनाते हैं तो प्रशंसकों द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया जाएगा। उन्होंने 13 साल पहले अपने पहले दौरे से ही ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों के लिए अपनी पसंद दिखाई है। उछाल और गति उनके खेल के अनुकूल थी, लेकिन 2024 में सवाल यह है कि क्या उनके पास अभी भी ऑस्ट्रेलिया के घरेलू मैदानों पर उनके आक्रमण को मात देने के लिए धारदार धार है। मैं उन्हें बाहर नहीं गिनूंगा।”
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले एक दशक से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी नहीं जीती है। भारत ने दो बार घर पर और दो बार ऑस्ट्रेलिया में इस सीरीज को जीता है। क्या इस पर ऑस्ट्रेलिया की टीम अपनी मेजबानी में बीजीटी को अपने नाम करेगी? इस पर लॉसन का मानना है कि बीजीटी काफी लम्बे समय से भारतीय टीम के पास है, लेकिन इस बार वह ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया की टीम अपने घर वापस लाना चाहती है। उनका कहना है कि भले ही हमने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीती है, लेकिन बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बिना यह ताज फीका है।
1980 से 1989 तक 46 टेस्ट और 79 वनडे इंटरनेशनल मैच खेलने वाले लॉसन ने कहा, “पैट कमिंस भले ही बहुत मुस्कुराते हों, लेकिन उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता गहरी और शक्तिशाली है। कभी न डगमगाने वाली मानसिकता का संकेत देने वाले कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के बारे में कहा गया है कि उनका काम अधूरा है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को एक दशक के लिए बीसीसीआई को उधार दिया गया है, अब समय आ गया है कि इसे जोलीमोंट (विक्टोरिया में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का मुख्यालय) में ट्रॉफी की अलमारियों में वापस लाया जाए। ऑस्ट्रेलिया ने भले ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप जीती है, लेकिन भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज जीते बिना, ताज फीका है।”
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