कैनबरा (canberra) । ऑस्ट्रेलियाई संघीय अदालत (Australian Federal Court) ने पूर्व भारतीय उच्चायुक्त नवदीप सिंह सूरी (Navdeep Singh Suri) को अपनी घरेलू सहायिका (नौकरानी) को 60 दिनों के भीतर 97,200 डॉलर (करीब 53,29,500 भारतीय रुपए) का मुआवजा देने का आदेश दिया है. अदालत ने नौ मामलों में सूरी के कार्यों को देश के ‘फेयर वर्क एक्ट’ का उल्लंघन करने वाला पाया. उसने कहा कि नवदीप सिंह सूरी का अपनी नौकरानी के साथ बर्ताव ‘शोषणकारी’ और ‘गुलामों जैसा’ था.
नवदीप सूरी ने अप्रैल 2015 से नवंबर 2016 तक ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया था. इसके पहले उन्होंने मिस्र में राजदूत का पद संभाला था. वह सितंबर 2019 में अपनी सेवानिवृत्ति तक संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत रहे. अदालत ने माना कि नवदीप सूरी ने अपनी नौकरानी सीमा शेरगिल के अधिकारों की उपेक्षा की. अप्रैल 2015 में ऑस्ट्रेलिया पहुंची सीमा शेरगिल ने सूरी के कैनबरा स्थित घर पर लगभग एक साल काम किया.
नौकरानी ने नवदीप सूरी पर क्या आरोप लगाए थे?
सीमा शेरगिल के मुताबिक नवदीप सूरी के घर 13 महीने काम करने के बाद उसको मेहनताने के रूप में केवल 3,400 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिले. वह घर में सफाई, भोजन तैयार करना, बगीचे की सफाई करना और कुत्ते को घुमाने का काम करती थीं. आठ बेडरूम वाले घर के रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी सीमा के कंधों पर ही थी. अदालत ने सूरी द्वारा सीमा शेरगिल पर लगाए गए गंभीर कामकाजी प्रतिबंधों की भी निंदा की, जिसमें उनका पासपोर्ट जब्त करना, बिना छुट्टी के लगातार सात दिन काम कराना शामिल है. सीमा के मुताबिक उन्हें घर के बाहर जाने की अनुमति तभी मिलती थी, जब सुरी के कुत्ते को घुमाने ले जाना होता था.
ऑस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने माना कि नवदीप सूरी ने फेयर वर्क अधिनियम की चार अलग-अलग धाराओं का उल्लंघन किया है और अपनी नौकरानी को कम पैसे दिए हैं. अदालत ने नवदीप सूरी को 60 दिनों के भीतर सीमा शेरगिल को 97,200 ऑस्ट्रलियाई डॉलर यानी करीब 53,29,500 भारतीय रुपए चुकाने का आदेश दिया है. साथ ही उन्हें ब्याज का भुगतान भी करना होगा. सीमा शेरगिल ने मई 2016 में सूरी के घर काम करना छोड़ दिया था.
सीमा शेरगिल ने बाद में ऑस्ट्रेलिया के फेयर वर्क ओम्बड्समैन से सहायता मांगी थी, जिसने उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय धर्मार्थ संगठन, साल्वेशन आर्मी के पास भेजा था. उन्हें 2021 में ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता मिल गई. इस बीच, विदेश मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलियाई अदालत के अधिकार क्षेत्र का विरोध करते हुए कहा है कि शिकायतों का समाधान भारत में ही किया जाना चाहिए. एमईए ने सीमा शेरगिल पर आरोप लगाया कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता हासिल करने के लिए नवदीप सूरी पर निराधार आरोप लगाए और उनके दावे गलत उद्देश्यों से प्रेरित थे.
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