इंदौर। संत शिरोमणि विद्यासागरजी महाराज (Saint Shiromani Vidyasagarji Maharaj) के शिष्य श्री 108 मुनि प्रमाणसागरजी महाराज (Muni Pramansagarji Maharaj) का आज सुबह ससंघ इंदौर में मंगल प्रवेश हुआ। आचार्य विद्यासागरजी महाराज के ही शिष्य मुनि विनम्रसागरजी महाराज (vinamrasaagarajee mahaaraaj) ने उदय नगर जिनालय में मुनि प्रमाणसागरजी महाराज के चरण स्पर्श कर अगवानी की और दोनों ही मुनिश्री के महामिलन के साक्षी हजारों समाजजन बने। ढाई किलोमीटर लंबे मंगल प्रवेश जुलूस में सभी प्रांतों की झांकियां सजाई गईं। घोड़े, बग्घी, हाथी और बैंड, ढोल-ताशा पार्टी के साथ ही अनेक भजन मंडलियां भी शामिल हुईं।
दिगंबर जैन समाज के मीडिया प्रभारी राजेश जैन दद्दू ने बताया कि मुनिश्री प्रमाणसागरजी महाराज उदय नगर जैन मंदिर से मंगल जुलूस के साथ विहार कर गोयल नगर, तिलक नगर होते हुए साउथ तुकोगंज कंचनबाग स्थित समवशरण जैन मंदिर होते हुए मोहता भवन पहुंचे। 21 जुलाई को बॉस्केटबॉल कॉम्प्लेक्स के पास मोहता भवन में चातुर्मास के मंगल कलश की स्थापना की जाएगी। मंगल प्रवेश प्रभातफेरी में समाजजन सहित महिलाएं जहां मंगलगान व मंगलाचरण करती हुई चल रही थीं, वहीं, नन्हे-मुन्हे बच्चों ने अपनी साइकिल पर धर्म ध्वजा फहराते हुए गुरु की अगवानी की। समाज की महिलाओं की एक बैंड पार्टी भी मंगल जुलूस में बैंड के साथ शामिल हुई। आचार्य श्री विद्यासागर महाराज द्वारा स्थापित की गई प्रतिभा स्थलियों में पढऩे वाले बच्चे भी शामिल हुए। बंगाली चौराहा स्थित उदय नगर जैन मंदिर से लेकर बॉस्केटबॉल परिसर तक रंगोली सजाई गई। मुनिश्री के महामिलन के साक्षी बनने के लिए जुटे हजारों समाजजनों के बीच सेवा देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग भी पहुंचे। उन्होंने मुनिश्री को एक घेरे में रखा और व्यवस्थाएं संभालने में सहयोग दिया।
30 से 40 मंचों से हुआ वंदन
मुनिश्री की अगवानी के लिए सभी धर्मों ईसाई, सिख समाज, श्वेतांबर जैन समाज, अग्रवाल समाज, सिंधी समाज ने अपने मंच लगाए और मुनिश्री की अगवानी की। सर्वधर्म के लोग अपनी प्रथाओं के अनुसार वंदना कर रहे थे। पूरे मार्ग पर करीब 30 से 40 मंच लगाए गए। इसके अलावा सभी प्रांतों की झांकियां भी तैयार की गईं, जिनमें युवतियों ने दक्षिण भारतीय नृत्य कुचिपुड़ी, महाराष्ट्र की लावणी और गुजरात का गरबा किया। समाजजन भी एक जैसे पहनावे में शामिल हुए।
रोज होगा शंका-समाधान
मोहता भवन में आधे घंटे के प्रवचन के बाद आहारचर्या की जाएगी। प्रतिदिन शाम 6 से 7 बजे तक सामाजिक व धार्मिक मुद्दों को लेकर मुनिश्री शंका- समाधान भी करेंगे। चातुर्मास प्रभारी अशोक दोसी ने बताया कि 108 विनम्रसागर, नि:स्वार्थसागर, निसर्गसागर महाराज के साथ निर्वेगसागर व सनधानसागर महाराज भी इंदौर में चातुर्मास कर रहे हैं। प्रमाणसागर महाराज सभी मुनियों को प्रतिदिन धर्म उपदेश के साथ शिक्षा भी देंगे।
कार्यक्रम का होगा लाइव प्रसारण
चातुर्मास के दौरान धार्मिक प्रभावना बढ़ाने के लिए कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। वहीं प्रत्येक रविवार को विशेष आयोजन सभी धर्म के लोगों के लिए रखा जाएगा। यहां स्कूल-कॉलेज के बच्चों के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। शंका-समाधान के लिए पहचाने जाने वाले मुनिश्री 108 प्रमाणसागरजी महाराज के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी प्रतिदिन किया जाएगा। समाजजन सैकड़ों की संख्या में प्रवचन का लाभ लेने पहुंचेंगे।
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