भोपाल। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिधिया जब कांग्रेस में थे, तब भाजपा में यशोधरा राजे सिंह की चुनाव प्रचार में खासी डिमांड रहती थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद अब यशोधरा की डिमांड कम हो गई है। यही वजह है कि विधानसभा उपचुनाव में सिंधिया खासे सक्रिय हैं, जबकि यशोधरा उतनी सक्रिय नहीं है। वे सोशल मीडिया खासकर ट्वीटर पर ज्यादा सक्रिय हैं।
उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की डिमांड धीरे-धीरे बढऩे लगी है। वे सभी सीटों पर ताबड्तोड़ प्रचार कर रहे हैं। सिंधिया अभी तक मुरैना, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले में उपचुनाव वाली सीटों पर सभाएं कर चुके हैं। आगे भी वे इन सीटों पर प्रचार के लिए जाएंगे। खास बात यह है कि भिंड-मुरैना में वे गांव-गांव प्रचार कर रहे हैं। इसके उलट खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी जिले की पोहरी एवं करैरा विधानसभा सीट तक सक्रिय हैं। यशोधरा उपचुनाव में उतनी सक्रिय नहीं दिख रही हैं, जितने वे ज्योतिरादित्य के कांग्रेस में रहते समय दिखती थीं। बुआ- भतीजे के भाजपा में आने के बाद अब यशोधरा समर्थक भी ज्योतिरादित्य के साथ हो लिए हैं। इसकी वजह है कि ज्योतिरादित्य का कद भाजपा में यशोधरा से काफी ऊंचा हो गया है।
अब ज्योतिरादित्य हैं राजमाता के उत्तराधिकारी
अभी तक भाजपा में यशोधरा राजे को राजमाता विजयाराजे सिंधिया का उत्तराधिकारी माना जाता रहा है, लेकिन जब से ज्योतिरादित्य भाजपा में आए हैं, तब से उन्हें इस से प्रचारित किया है कि वे ही भाजपा में राजमाता के उत्तराधिकारी हैं। भाजपा नेता एवं कार्यकर्ताओं ने ज्योतिरादित्य को उसी रूप में स्वीकार भी कर लिया है। अब ज्योतिरादित्य हर चुनावी सभा एवं राजनीतिक कार्यक्रम में अपनी दादी राजमाता सिंधिया का जिक्र करना नहीं छोड़ रहे हैं।
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