इंदौर। मप्र औद्योगिक विकास निगम (MP Industrial Development Corporation) को लगातार निवेशकों के अच्छे प्रस्ताव मिल रहे हैं। इंदौर, पीथमपुर , रतलाम, उज्जैन, खरगोन, बुरहानपुर (Pithampur, Indore, Burhanpur) से लेकर आसपास के जिलों में भी निगम लगातार नए औद्योगिक बेल्ट (Industrial Belt) विकसित कर रहा है और पीथमपुर में भी सेक्टर-7 में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Smart Industrial Township) का विकास कार्य जल्द शुरू होगा। इसके साथ ही भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू करेंगे। 50 कपड़ा और गारमेंट उद्योग (Garment Industry) भी निवेश के लिए तैयार हैं, जिनके माध्यम से डेढ़ हजार करोड़ से अधिक का निवेश होगा। लिहाजा विकास निगम लगभग 10 हजार एकड़ का लैंडबैंक भी तैयार कर रहा है, ताकि सभी छोटे-बड़े इच्छुक उद्योगों-निवेशकों को जमीनें आवंटित की जा सकें।
एमपीएसआईडीसी (MPSIDC) के कार्यकारी निदेशक रोहन सक्सेना (Rohan Saxena) के मुताबिक बड़ी संख्या में टेक्सटाइल यूनिट, यानी कपड़ा उद्योग Textile Industry() भी आने को तैयार हैं। इंदौर क्षेत्र में ही यह उद्योग जमीनें चाहते हैं। कपड़ा और गारमेंट उद्योग से जुड़े इन निवेशकों को जमीनें उपलब्ध भी कराई जा रही हैं। कुछ दिनों पूर्व ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ( Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इंदौर-उज्जैन रोड पर 2 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाली तिरूपुर के एक गारमेंट उद्योग (Garment Industry) की भूमि का भूमिपूजन भी किया। अभी लगभग 50 कपड़ा और गारमेंट उद्योग समूह में जमीनों के लिए बुकिंग भी कर दी है, जिनमें मुख्य रूप से बेस्ट लाइफ स्टाइल, बायो कॉटन, स्पीनिंग मिल, केयरफीट इंडस्ट्री प्रा.लि., महिमा फाइबर्स, इनवायरो फायबर्स के अलावा अन्य छोटे और मध्यम आकार के उद्योग भी शामिल हैं। सक्सेना के मुताबिक एक दर्जन कपड़ा और गारमेंट उद्योग (Garment Industry) को जमीनें आवंटित भी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दूसरी तरफ पीथमपुर में सेक्टर-7 में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप (Smart Industrial Township) का भी विकास शुरू किया जा रहा है। 550 करोड़ की राशि दो हजार एकड़ के इस मल्टी प्रोजेक्ट झोन को विकसित करने पर खर्च की जाएगी। 25 एकड़ से लेकर दस हजार स्क्वेयर फीट तक के 425 औद्योगिक भूखंड विकसित होंगे, जो आने वाले औद्योगिक समूह को आवंटित किए जाएंगे। अभी शुरुआत में ही कई समूहों के आवेदन प्राप्त हो गए हैं। दस हजार करोड़ से अधिक का निवेश (investors) यहां पर आने वाले कुछ वर्षों में भी हो जाएगा। दूसरी तरफ लगातार जमीनों की बढ़ती मांग के मद्देनजर दस हजार एकड़ का लैंडबैंक भी तैयार किया जा रहा है, ताकि आने वाले उद्योगों, निवेशकों को उनकी इच्छानुसार जमीनों, भूखंडों का आवंटन किया जा सके। यह लैंडबैंक इंदौर के साथ-साथ उज्जैन, भोपाल, रतलाम, होशंगाबाद, सीहोर, सतना, राजगढ़, कटनी, बुरहानपुर, खरगोन, पन्ना, दमोह, सागर जैसे जिलों की जमीनों को लेकर बनाया जाएगा। इन क्षेत्रों में ही सबसे अधिक जमीनों की मांग है। इसमें सबसे अव्वल इंदौर क्षेत्र है। वहां अधिकांश उद्योगपति-निवेशक आना चाहते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved